Violation of Lockdown Case: आगरा में अब तक लाकडाउन में दर्ज मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया नहीं हुई शुरू
Violation of Lockdown Case शासन के लिखित निर्देश के इंतजार में पुलिस प्रशासन। 2160 मुकदमे दर्ज हुए थे सभी में चार्जशीट लगा चुकी है पुलिस। कोरोना संक्रमण काल में मार्च 2020 में महामारी अधिनियम के तहत पहला मुकदमा आगरा के सदर थाने में दर्ज हुआ था।
आगरा, जागरण संवाददाता। लाकडाउन के दौरान दनादन मुकदमे दर्ज हुए। महामारी अधिनियम के तहत देश में पहला मुकदमा भी ताजनगरी में हुआ। जिले के सभी थानों में 2160 मुकदमे दर्ज हुए थे। पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने इन मुकदमों की वापसी की घोषणा की थी। मगर, अभी तक कोई लिखित आदेश न आने के कारण अभी तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
कोरोना संक्रमण काल में मार्च 2020 में महामारी अधिनियम के तहत पहला मुकदमा आगरा के सदर थाने में दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी थी। कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में पारस हास्पिटल के संचालक और कर्मचारियों के खिलाफ न्यू आगरा थाने में महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद विदेश से लौटे बेटे की सूचना न देने पर डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जमातियों के खिलाफ रकाबगंज और ताजगंज थाने में मुकदमे दर्ज हुए। इसके बाद लाकडाउन उल्लंघन पर बड़ी संख्या में आपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। लाकडाउन उल्लघंन के जिले में 2160 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें 1500 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें 4700 से अधिक आरोपित बनाए गए थे।पुलिस ने पिछले दिनों विवेचना निस्तारण का अभियान चलाया था। सभी मुकदमों में पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है। 15 दिन पहले प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि लाकडाउन उल्लंघन और महामारी अधिनियम के सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जागी थी। मगर, अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि अभी तक शासन से मुकदमे वापसी का कोई लिखित आदेश नहीं आया है। आदेश आने पर विधिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी।