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Ambedkar University Agra: 16 साल बाद भी शांत नहीं हुआ फर्जी बीएड डिग्री मामला

Ambedkar University Agra इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर विश्वविद्यालय चार माह में करेगा जांच पूरी। अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ करने वाले 1084 अभ्यर्थियों की होगी जांच। विश्वविद्यालय में चार सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इ

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 05:26 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 05:26 PM (IST)
Ambedkar University Agra: 16 साल बाद भी शांत नहीं हुआ फर्जी बीएड डिग्री मामला
अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ करने वाले 1084 अभ्यर्थियों की होगी जांच।

आगरा, जागरण संवाददाता। 16 साल बाद भी डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय फर्जी बीएड डिग्री मामला शांत नहीं हुआ है। शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले ने पिछले सारे घटनाक्रम को ताजा कर दिया। विश्वविद्यालय के फर्जी बीएड डिग्री मामले का जिन्न इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बोतल से फिर बाहर आ गया है। विश्वविद्यालय को चार महीने का समय दिया गया है, इन चार महीनों में विश्वविद्यालय को अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ की जांच के साथ ही सात फर्जी डिग्री अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी करना है।

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शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 2823 सहायक अध्यापकों के अंकपत्र, डिग्री, नियुक्ति रद करने व बर्खास्तगी आदेश को सही मानते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। इन लोगों ने जांच में अपना पक्ष ही नहीं रखा था। बीएसए ने इन्हें इसी आधार पर बर्खास्त कर दिया है। कोर्ट ने इन्हें कोई राहत नहीं दी।

वहीं, अंक पत्र से छेड़छाड़ के आरोपी और फर्जी डिग्री पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने वाले 812 सहायक अध्यापकों को जांच पूरी होने तक बर्खास्तगी को स्थगित रखने के भी आदेश दिए। न्यायालय ने जिन सात अभ्यर्थियों ने दस्तावेज पेश कर दिए थे, उनके दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए विश्वविद्यालय को एक माह का समय दिया है। खंडपीठ ने कहा है कि दस्तावेज यदि सही हो तो इनकी बर्खास्तगी रद की जाए।

इस आदेश के बाद विश्वविद्यालय में चार सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस कमेटी ने ही पिछले साल जांच में 812 फर्जी डिग्री अभ्यर्थियों की सूची न्यायालय को सौंपी थी। यह कमेटी 1084 एेसे अभ्यर्थियों की जांच करेगी, जिन पर अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ का आरोप है। इस कमेटी में प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो. लवकुश मिश्रा, प्रो. हरवंश सिंह और प्रो. पीके सिंह शामिल थे। यह कमेटी चार माह में अपनी जांच पूरी करेगी। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि उच्च न्यायालय से मिले निर्देशों के अनुसार ही अग्रिम कार्यवाही होगी। 


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