पर्यावरणविद एमसी मेहता से की स्थानीय लोगों ने मुलाकात, रखे शहर के ये मुख्य मुद्दे
डा. शरद गुप्ता ने सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) के ईको सेंसिटिव जोन के गलत निर्धारण का मुद्दा रखा और उससे जुड़े अभिलेख सौंपे। डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने ईको सेंसिटिव जोन के खसरा नंबरों की सूची सौंपी और यहां प्रस्तावित बाइपास को गलत बताया।
आगरा, जागरण संवाददाता। शनिवार को सर्किट हाउस में एमसी मेहता और डा. एसके गोयल से स्थानीय लोगों ने मुलाकात की। डा. शरद गुप्ता ने सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) के ईको सेंसिटिव जोन के गलत निर्धारण का मुद्दा रखा और उससे जुड़े अभिलेख सौंपे। डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने ईको सेंसिटिव जोन के खसरा नंबरों की सूची सौंपी और यहां प्रस्तावित बाइपास को गलत बताया। आगरा टूरिज्म डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने ताजगंज में ट्रैफिक मैनेजमेंट नहीं होने से पर्यटकों को होने वाली परेशानी का मुद्दा उठाया। मेहता ने दोबारा आकर निरीक्षण करने की बात कही। अपूर्व शर्मा ने डा. भीमराव आंबेडकर विवि के ललित कला संस्थान में संस्कृति भवन और खंदारी कैंपस में शिवाजी मंडपम के अवैध निर्माण से संबंधित मुद्दा उठाया और उससे जुड़े दस्तावेज सौंपे। वहीं सर्किट हाउस में एमसी मेहता और डा. एसके गोयल ने एएसआइ और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों के साथ बैठक की। ताज बैराज के लिए ढाई दशक पूर्व सुप्रीम कोर्ट का आर्डर होने के बावजूद उसका निर्माण नहीं होने और यमुना में डिसिल्टिंग के बारे में जानकारी की। अधिकारियों ने उन्हें ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में नगला पैमा में रबर चेकडैम का प्रस्ताव होने, रबर चेकडैम और डिसिल्टिंग से संबंधित केस कोर्ट में विचाराधीन होने की जानकारी दी। एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन डा. एसके गोयल की बैठक में मेट्रो के अधिकारी कई बार संपर्क करने के बावजूद नहीं पहुंचे। डा. एसके गोयल ने कहा कि शुक्रवार को मेट्रो के काम को देखा था। शहर की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह अच्छा प्राेजेक्ट है।