Self Defence: आगरा के स्कूलों में छात्राएं सीखेंगी अब आत्मरक्षा के गुर, देंगी शोहदों को पटखनी
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने दिए आदेश। एक से 31 मार्च तक चलाया जाएगा विशेष अभियान। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि केंद्र सरकार के जेंडर एक्टिविटी कार्यक्रम के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए बजट स्वीकृत हो गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। आक्रमकता आत्मरक्षा का सबसे मुफीद माध्यम है, प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राएं अब इसी मूलमंत्र के माध्यम से आत्मरक्षा के गुर सीखेंगी। इसके लिए एक से 31 मार्च तक मिशन शक्ति कार्यक्रम में सघन अभियान चलाया जाएगा।
इसके अंतर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राओं को विभिन्न प्रशिक्षण देकर शारीरिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, ताकि विषय परिस्थिति में बिना विचलित हुए वह अपनी आत्मरक्षा कर सकें। इसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए हैं।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की वार्षिक कार्ययोजना व बजट 2020-21 के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड द्वारा जेंडर एक्टिविटी कार्यक्रम के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिलाने के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण व स्वावलंबन के लिए संचालित मिशन शक्ति कार्यक्रम में इसके अंतर्गत सघन अभियान चलाया जाएगा। इसमें जिले में तैनात अनुदेशक (स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा) छात्राओं को प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण में ये रखना होगा ध्यान
- आत्मरक्षा प्रशिक्षण खुले, स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण में हो।
- प्रशिक्षण के शुरुआती पांच दिन छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व की जानकारी दी जाए। हल्के-फुल्के व्यायाम कराए जाए।
- छठवें से 25वें दिन तक दिवस कार्ययोजना के अनुसार कौशल विकसित करने की विभिन्न तकनीकों को सिखाया जाए और अभ्यास अवश्य कराया जाए।
- प्रशिक्षक का उत्तरदायित्व होगा कि वह छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए तैयार करें।
- प्रशिक्षण से पहले सुनिश्चित करना होगा कि छात्रा अस्वस्थ न हो। शारीरिक प्रशिक्षण के लिए तैयार हो।
- अस्वस्थ्य होने पर उसे ऐसे स्थान पर बैठाया जाए, जहां से वह पूरी गतिविधियों को देख सके।
- प्रशिक्षक छात्राओं को उनकी क्षमतानुसार ही कौशल प्रशिक्षण देंगे। कठिनाई होने पर उसे बाध्य नहीं किया जाएगा।
स्किल सिखाने के बाद प्रशिक्षक ध्यान रखें कि छात्राएं स्किल पूरी तरह आत्मसात करें।
- प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राएं इस कौशल का प्रयोग आपस में नहीं, विशेष परिस्थितियों में ही करें।