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शुगर रखनी है नियंत्रित, किचन के गेट पर चस्पा कर लें डाइट चार्ट

आगरा जागरण संवाददाता। मधुमेह रोगी अपनी जीवनशैली और खानपान संयमित रखकर 75 फीसद तक शुगर क

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:30 PM (IST)
शुगर रखनी है नियंत्रित, किचन के गेट पर चस्पा कर लें डाइट चार्ट
शुगर रखनी है नियंत्रित, किचन के गेट पर चस्पा कर लें डाइट चार्ट

आगरा, जागरण संवाददाता। मधुमेह रोगी अपनी जीवनशैली और खानपान संयमित रखकर 75 फीसद तक शुगर का स्तर नियंत्रित कर सकते हैं। दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। इसके लिए आप अपनी किचन के गेट पर डाइट चार्ट चस्पा कर सकते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजीशियन डा बीके अग्रवाल ने फोन पर पाठकों के सवालों के जवाब दिए। सवाल : मधुमेह की समस्या है। शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं हो रहा है?

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आकाश गुप्ता, लाल सिंह, अवधेश शर्मा, रोहित कुमार, प्रेम शंकर गुप्ता

जवाब : जीवनशैली और खानपान संयमित रखकर 75 फीसद तक शुगर नियंत्रित की जा सकती है। इसके बाद दवाएं काम करती हैं, दवाओं के साथ नियमित व्यायाम करें। मीठा न खाने से भी शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है। सवाल : शुगर का स्तर बढ़ा रहता है। जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम हो जाता है?

प्रकाश चंद्र, सौरभ शर्मा

जवाब : मधुमेह के मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए शुगर का स्तर नियंत्रित रखें। साथ ही डाक्टर से परामर्श के बाद ही दवाएं लें। सवाल : शुगर का स्तर बढ़ा हुआ है। इससे मोतियाबिद का आपरेशन नहीं हो पा रहा है?

ब्रह्म शंकर, रामवीर सिंह

जवाब : शुगर का स्तर नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन भी ले सकते हैं। खाना खाने के बाद शुगर 200 है तो भी आपरेशन में कोई समस्या नहीं आती है। सवाल : टीबी का इलाज चल रहा है। सांस लेने में दिक्कत होती है। बेचैनी और घबराहट रहती है?

मनोज बंसल

जवाब : टीबी के मरीजों में इस तरह की समस्या रहती है। टीबी की दवाएं असरहीन तो नहीं हो गई हैं, इसकी जांच करा लें। इसके साथ ही शुगर की भी जांच करा लें। सवाल : 80 साल की उम्र है। बेचैनी और घबराहट रहती है?

यश चौहान, राधेश्याम वर्मा

जवाब : इस उम्र में बेचैनी और घबराहट के कई कारण हो सकते हैं। अपने दिल की जांच करा लें। कई बार शुगर का स्तर कम होने से भी यह समस्या होती है। जागरण के सवाल सवाल : पिछले आठ सालों में मधुमेह की बीमारी में क्या बदलाव आया है?

जवाब : आठ साल पहले मधुमेह रोगियों की भारत में संख्या पांच करोड़ थी, यह बढ़कर 7.50 करोड़ पहुंच गई है। प्री डायबिटिक 5 करोड़ थे, ये बढ़कर 8 करोड़ पहुंच गए हैं। जीवनशैली में आए बदलाव से अब 10 साल पहले लोग मधुमेह रोगी हो रहे हैं। सवाल : मधुमेह के इलाज में क्या बदलाव आया है?

जवाब : पहले मधुमेह के इलाज के लिए सीमित दवाएं थीं। इनके साइड इफेक्ट भी थे। मगर, अब नई दवाएं आ गई हैं। इनके साइड इफेक्ट नहीं हैं। अब हर मरीज के लिए उसकी जीवनशैली और अन्य बीमारियों को देखते हुए दवाएं दी जा रही हैं। सवाल : इंसुलिन का एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसे छोड़ा जा सकता है?

जवाब : लोगों को लगता है कि इंसुलिन लेने के बाद दवा काम नहीं करेगी। मगर, ऐसा नहीं है। शुगर का स्तर अधिक है और उसे नियंत्रित करना है तो इंसुलिन सबसे बेहतर विकल्प है। कुछ दिन बाद इंसुलिन से मरीज को दवाओं पर शिफ्ट कर दिया जाता है। सवाल : शुगर का स्तर कितना होना चाहिए?

जवाब - मधुमेह रोगियों में खाली पेट शुगर का स्तर 125 और खाना खाने के बाद 200 तक है, तो कोई समस्या नहीं है। सवाल : शुगर की जांच किस समय करवानी चाहिए?

जवाब : कुछ केस में शुगर का स्तर सुबह तीन से चार बजे के करीब कम हो जाता है। दिन में भी कई बार शुगर का स्तर कम-ज्यादा हो सकता है। इसलिए अलग-अलग दिन और अलग- अलग समय पर जांच करानी चाहिए। अब घर पर खुद भी जांच कर सकते हैं। प्रोफाइल

एमबीबीएस, वर्ष1990, एसएन मेडिकल कालेज

एमडी, वर्ष 1993, एसएन मेडिकल कालेज

डा. बीके अग्रवाल, वरिष्ठ फिजीशियन


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