Yamuna River Revival Plan: यमुना को हरियाली का इंतजार, एक साल पहले भेजी थी डीपीआर
Yamuna River Revival Plan यमुना के दोनों किनारों के पास पांच-पांच किलोमीटर के दायरे में लगने थे पौधे। आगरा के 134 गांवों की भूमि की थी चिन्हित। डीपीआर के आधार पर ही यमुना नदी पुनरुद्धार योजना को अमलीजामा पहनाया जाना था
आगरा, सुबान खान। यमुना जल को दूषित होने से बचाने के लिए भेजी गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर एक वर्ष बाद भी शासन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। डीपीआर के आधार पर ही यमुना नदी पुनरुद्धार योजना को अमलीजामा पहनाया जाना था और यमुना के आसपास पांच-पांच किलोमीटर के दायरे में हरियाली विकसित की जानी थी।
केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर उप्र वन विभाग ने आगरा से योजना के क्रियान्वयन के लिए डीपीआर मांगी थी। इसके लिए वन अनुसंधान संस्थान देहरादून की टीम ने वनाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया था। प्रशिक्षण के बाद आगरा डिवीजन स्तर से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गई थी। जिसमें आगरा के 134 गांवों की भूमि शामिल की गई थी। इसमें 23 हेक्टेयर भूमि किसानों की और 80 हेक्टेयर वन भूमि को चिन्हित किया था। इस डीपीआर को शासन स्तर से वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून भेजा गया था।
स्वच्छ होता यमुना का जल
केंद्रीय मंत्रालय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा गंगा एक्शन प्लान की तर्ज पर यमुना नदी पुनरुद्धार योजना का प्रस्ताव तैयार किया था। इस योजना के नोडल अधिकारी वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के विज्ञानियों को बनाया गया था। उप्र की नोडल अधिकारी डा. कुमुद दुबे को बनाया गया। योजना में यमुना नदी के दोनों और पांच-पांच किलोमीटर के दायरे को चिन्हित करके पौधारोपण व पार्क विकसित होनोे थे। यमुना की सहायक नदियों के आसपास दो-दो किलोमीटर के दायरे को ‘ट्री-ब्यूटी’ के रूप में विकसित किया जाना था।
यहां किसानों की भूमि
बाईंपुर, एत्मादपुर के गिजौली, किरावली के रुनकता, मांगरौल गूर्जर, अकबरा गांव के किसानों की भूमि थी। फतेहाबाद के भरापुर, बमरौली, धौर्रा, उझावली, अई और बाह के विक्रमपुर, सुंसार, रामपुर, चंद्रसैनी गांव के किसानों की भूमि डीपीआर में शामिल की गई थी।
यह वन भूमि
बाईंपुर रेंज में मऊ वन ब्लाक, एत्मापुर रेंज में छलेसर वन ब्लाक, किरावली रेंज में मांगरौल गूर्जर वन ब्लाक, फतेहाबाद में भरापुर वन ब्लाक, बाह में विक्रमपुर वन ब्लाक, पिनाहट में पिढ़ौरा वन ब्लाक की भूमि शामिल थी।
शासन के निर्देश पर पूर्व में आगरा से डीपीआर भेजी थी। इस पर शासन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। शासन के आदेश के बाद ही आगे का कार्य किया जाएगा।
दिव्या, डीएफओ