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Narendra Chanchal Death: शांत हो गई ‘चलो बुलावा आया है....’ की आवाज, पढ़ें सुहाग नगरी से क्या था नाता

Narendra Chanchal Death प्रख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल ने फीरोजाबाद में गुजारे थे आठ साल।1972 में राजकपूर ने दिया था गाने का ब्रेक फिर बने भजन सम्राट। 1972 में राजकपूर ने उन्हें मुम्बई में वैशाखी कार्यक्रम के लिए बुलाया और वहीं बाबी फिल्म में गाने का पहला ब्रेक मिला।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:20 PM (IST)
Narendra Chanchal Death:  शांत हो गई ‘चलो बुलावा आया है....’ की आवाज, पढ़ें सुहाग नगरी से क्या था नाता
प्रख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल ने फीरोजाबाद में गुजारे थे आठ साल।

आगरा, जेएनएन। देश के प्रख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल शुक्रवार को नहीं रहे। चलो बुलावा आया है से... देश दुनिया में पहचान पाने वाले चंचल जीवन के आठ साल फीरोजाबाद में रहे। यहां से जम्मू जाने के बाद उन्हें पहला ब्रेक बालीवुड के शोमैन राजकपूर ने दिया था। चंचल के निधन की खबर आते ही परिचितों और रिश्तेदारों में शाेक की लहर दौड़ गई। भजन सम्राट के भतीजे और शहर के आर्य नगर में रहने वाले फैंसी लाइट कारोबारी सुनील खरबंदा बताते हैं कि चंचल जी का जन्म तो अमृतसर में हुआ था, लेकिन वह 1962 में फीरोजाबाद अपने भाइयों के पास आ गए थे। आर्य नगर में रहने वाले सतपाल खरबंदा और राजकुमार खरबंदा मोती का काम करते थे। चंचलजी ने यहां आकर भाइयों के साथ काम किया। 1970 में जम्मू गए और वहां सेना के कार्यक्रम में गाते थे। 1972 में राजकपूर ने उन्हें मुम्बई में वैशाखी कार्यक्रम के लिए बुलाया और वहीं बाबी फिल्म में गाने का पहला ब्रेक मिला। इसके बाद उनका बड़ा शो एमजी कालेज में बड़ा शो किया था। इसके बाद फिल्मों में माता के भजन गाए। सुनील बताते हैं कि दिल्ली में बसने के बाद फीरोजाबाद से उनका संपर्क रहा। रामलीला मैदान में करौली माता मंदिर के शुभारंभ पर जागरण किया था। फीरोजाबाद में उनका आना-जाना होता था, जब भी किसी कार्यक्रम में यहां से होकर जाते तो आर्यनगर आते थे। सुनील बताते हैं कुछ लोग चंचल जी का जन्म फीरोजाबाद में बताते हैं, लेकिन वे अमृतसर में जन्मे थे। 

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