Crime Control in Agra: आगरा में बदमाशों को पकड़ने में पुलिस के मददगार बने सीसीटीवी कैमरे
Crime Control in Agra कई सनसनीखेज वारदातें खुलीं तो कई में बदमाशों की हुई पहचान। वारदात के बाद घेराबंदी से पहले भी पुलिस उस क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखने लग जाती है। इनसे कई घटनाओं में पुलिस को बदमाशों के भागने की दिशा का पता चल गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। हर छोटी और बड़ी घटना में पुलिस को बदमाशों तक पहुंचने के लिए इनसे मदद मिली। कई सनसनीखेज घटनाएं इनके कारण खुल गईं तो कुछ में बदमाशों की पहचान हो गई। अब वारदात के बाद घेराबंदी से पहले भी पुलिस उस क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखने लग जाती है। इनसे कई घटनाओं में पुलिस को बदमाशों के भागने की दिशा का पता चल गया, जिससे वे जल्द पकड़े जा सके।
19 दिसंबर 2020 को सदर के राजपुर चुंगी में प्रापर्टी डीलर हरेश पचौरी की हत्या के मामले में पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से सुराग मिले। जिस स्थान पर घटना हुई, उसके पास ही स्मार्ट सिटी के कैमरे लगे थे। इसमें हत्या की पूरी रिकार्डिंग हो गई। इसके बाद पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे से शूटर के साफ चेहरे वाला फुटेज भी मिल गया। इसके बाद शूटर की पहचान सचिन कंजा के रूप में हो गई। इसके बाद घटना का पर्दाफाश हुआ। इसी दिन जगनेर के सरैंधी गांव में सर्राफ की दो दुकानों से बदमाशों ने चोरी की थी। इसमें एक बदमाश का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को दिख गया। पुलिस ने पिछले दिनों गिरोह को दबोच लिया। यह घटना बधिक गैंग ने की थी। 13 दिसंबर 2020 की रात को रोहता में एक सर्राफ की दुकान चोरी करने वाला गैंग भी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ा गया। इसी तरह न्यू आगरा के लायर्स कालेनी स्थित हिंदुस्तान लीवर के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में लूट की घटना भी आरोपितों के सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने से ही खुली थी। ये सभी घटनाएं तो उदाहरण मात्र हैं। पिछले दिनों में हुई लगभग हर छोटी और बड़ी घटना में सीसीटीवी कैमरे से पुलिस को अहम सुराग मिले, जिनसे आगे बढ़कर ही पुलिस बदमाशों तक पहुंची। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे पुलिस के काफी मददगार साबित हो रहे हैं। पुलिस दिनों घटनाओं में सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिले थे।
स्मार्ट सिटी के तहत लगवाए गए 950 सीसीटीवी कैमरे
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में अब तक 950 सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं। ये कैमरे स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्राेल सेंटर से जुड़े हुए हैं। इनमें वाहनों की नंबर प्लेट रीड करने के साथ ही फेस की पहचान का सिस्टम भी है। पुलिस ने स्मार्ट सिटी के सर्वर में अपराधियों का डाटा अपलोड किया है। अब इन कैमरों के सामने गुजरने पर अपराधियों के चेहरे ये कैमरे पहचान लेंगे। सामने आते ही ये पुलिस अधिकारियों के मोबाइल पर नोटिफिकेशन देंगे, जिससे बदमाशों को पकड़ने में आसानी होगी। अब कोई भी बदमाश वारदात करके भागते समय आसानी से पकड़ा जा सकेगा।