Potato Farming: ठिठुरन भरी ठंड में आलू को सताने लगा झुलसा, इन सब्जियों में भी लग रहा रोग
Potato Farming फसलों को हो रहा नुकसान उत्पादन घटने की आशंका। टमाटर मिर्च और दूसरी सब्जियों में भी लग रहा रोग। जिले में 72 हजार हेक्टेयर में आलू उत्पादन होता है। गत वर्ष बेहतर दाम मिलने से इस बार चार से छह हेक्टेयर रकवे में इजाफा भी हुआ है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ठिठुरन भरी ठंड और घने कोहरे ने जहां जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, तो फसलों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आलू में झुलसा रोग का प्रकोप दिख रहा है, तो टमाटर, हरी मिर्च और दूसरी सब्जियों में भी रोग सता रहा है। रोग बढ़ा तो इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। विशेषज्ञ फसलों के बचाव के लिए रात में पानी लगाने और फफूंदनाशक के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं।
जिले में 72 हजार हेक्टेयर में आलू उत्पादन होता है। गत वर्ष बेहतर दाम मिलने से इस बार चार से छह हेक्टेयर रकवे में इजाफा भी हुआ है। खंदौली के किसान सुरजीत ने बताया कि पांच बीघा में आलू का उत्पादन करते हैं, सप्ताहभर से आधे से ज्यादा फसल की पौध सिकुड़ गई है। पत्तियां काली पड़ गई है। फफूंदनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। बिचपुरी के किसान शैलेंद्र ने बताया कि छह बीघा में आलू का उत्पादन किया है। ठंड के प्रकोप के कारण झुलसा रोग के लक्षण दिख रहे हैं। पत्तियां सिकुड़ गई हैं, जिससे उत्पादन घटने की आशंका सता रही है। आरबीएस बिचपुरी के कृषि संकाय में एग्रोनोमिस्ट डा. सतीश कुमार चौहान ने बताया कि ठंड के कारण झुलसा रोग प्रभावी हो गया है। किसान रात को खेतों में पानी लगाएं, जिससे फसलों में गर्माहट बनेगी। इससे नुकसान होने की आशंका घट जाती है। रोग से बचाव के लिए फफूंदनाशक का छिड़काव करें। वहीं गेंहू की फसल के लिए मौसम उपयोगी बना हुआ है।