आगरा में टप्पेबाजी करने वाले मुंबई के ठग गैंग के वांछितों को नहीं पकड़ सकी पुलिस
आगरा के एमएम गेट थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर को धौलपुर के व्यापारी को बनाया था शिकार। चेकिंग के नाम पर व्यापारी के ले गए थे एक लाख रुपये। एक आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है पुलिस।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में टप्पेबाजी करने वाले मुंबई के ठग गैंग के वांछितों को पुलिस नहीं पकड़ सकी है। गैंग शिकार की तलाश में आगरा आकर घूमता था। बड़ी रकम हाथ लगते ही शहर छोड़कर मुंबई भागा जाता था। उसने धौलपुर के एक व्यापारी को चेकिंग के नाम पर शिकार बना लिया था। व्यापारी के एक लाख रुपये लेकर भाग गया था। गिरोह के एक सदस्य अख्तर को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से सुराग लगाकर दबोच लिया था। उसे 11 जनवरी को जेल भेज दिया। आरोपित ने अपने कुछ और साथियों के नाम बताए थे। वह पुलिस के हाथ नहीं आए हैं।
ये था मामला
धौलपुर के एल्युमिनियम व्यापारी सुनील कुमार 29 दिसंबर को आगरा आए थे। कार में बैठकर राजामंडी से रिक्शे में बैठकर फव्वारा बाजार जा रहे थे।मुंबई के ठग गैंग ने व्यापारी को रास्ते में रोक लिया था। उससे कहाकि आगे पुलिस चेकिंग कर रही है। नए साल पर बदमाश घूम रहे हैं। जो भी रुपये हैं उसे बैग में रख लो। इसके बाद ठग उसकी तलाशी लेने लगे। व्यापारी के पास 50-50 हजार रुपये की दो गड्डी मिलीं। उन्हें बैग में रखने की कहा। इसी दौरान ठग का साथी वहां आ गया। उसने व्यापारी को बातों में उलझाकर रुपये निकाल लिए। कुछ दूर जाने पर व्यापारी को रकम निकाले जाने का पता लगा। उसने एमएम गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस तरह मिला सुराग
व्यापाारी की शिकायत घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। एक बाइक पर आए ठगों की फुटेज उसे मिल गई। जबकि दूसरी बाइक पर तीन और ठग थे। तीन किलोमीटर दूर एक कार के पास बाइक सवार गए थे। कार महाराष्ट्र के नंबर की थी। इस पर महाराष्ट्र पुलिस से मदद मांगी गई। का कार का नंबर मुंबई का निकला। पुलिस ने आरोपित अख्तर बेग को मुंबई पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
मुंबई के ठग गैग में आठ लोग
पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपित अख्तर ने पूछताछ में बताया था कि गैंग में आठ लोग हैं। सभी अलग-अलग राज्यों में वारदात करते हैं।गैंग के लोगों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं।उसने कासगंज में भी एक वृद्ध को ठगी का शिकार बनाया था।
रकम लगने के बाद पकड़ लेते हैं ट्रेन
आरोपित अख्तर ने बताया कि शिकार की रकम हाथ में आने के बाद वह आगरा छोड् देते थे। मुंबई लौट जाते। इसीलिए उनकी सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस उनका सुराग नहीं लगा पाती है।