Beautification of Agra: धरी रह गई ताजनगरी के चौराहों के सौंदर्यीकरण की योजना
Beautification of Agra वर्ष 2017 की शुरुआत में तत्कालीन जिलाधिकारी गौरव दयाल ने शहर के चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए कवायद शुरू की थी। उन्होंने शहर के सभी प्रमुख चौराहों को गोद देने के लिए संस्थाओं प्रमुख लोगों प्रतिष्ठानों से आह्वान किया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। चार साल पहले बनी ताजनगरी के चौराहों के सौंदर्यीकरण की योजना रंग नहीं ला पाई। अधिकांश चौराहे बदहाल ही हैं। इन चौराहों पर न सौंदर्यीकरण के कार्य हुए और न ही यातायात सुगम हो सका।
वर्ष 2017 की शुरुआत में तत्कालीन जिलाधिकारी गौरव दयाल ने शहर के चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए कवायद शुरू की थी। उन्होंने शहर के सभी प्रमुख चौराहों को गोद देने के लिए संस्थाओं, प्रमुख लोगों, प्रतिष्ठानों से आह्वान किया था। तमाम लोग आगे बढ़कर आए। इसके बाद शहर के 15 चौराहे प्रमुख उद्यमियों और प्राइवेट कंपनियों को सुंदरीकरण, रखरखाव के लिए आवंटित किए गए थे। इन चौराहों की डिजाइन की जिम्मेदारी आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन को दी गई है। एसोसिएशन ने नौ चौराहों के लिए योजना तैयार की गई। आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन ने इनका प्रजेंटेशन भी दिया। मगर, ये योजना रंग नहीं ला पाई। हरीपर्वत, सेंट जोंस, राजामंडी, बोदला सहित 15 चौराहों पर कोई काम नहीं हुआ। दरअसल, इन चौराहों को गोद देने के बाद इसकी समीक्षा ही नहीं की गई। जिन लोगों को चौराहे गोद दिए गए थे, उनसे भी कोई फीडबैक नहीं लिया गया। पर्यटन के मानचित्र पर सितारे की तरह से चमकने वाली ताजनगरी के अधिकांश चौराहा बदहाल हैं। किसी चौराहे पर कोई मूर्ति लगी भी है तो उसकी भी समुचित देखभाल नहीं हो पा रही। सौंदर्यीकरण तो दूर अधिकांश चौराहों पर यातायात तक व्यवस्थित नहीं हो सका है। ये स्थिति तब है, जबकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें तक लग गई हैं।