Annual Evaluation Process: लाने होंगे बेहतर अंक, तभी होगी प्रोन्नति और वेतन बढ़ोत्तरी, ये रिर्पोट करेगी फैसला
Annual Evaluation Process महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी किया वार्षिक मूल्यांकन प्रक्रिया। स्वमूल्यांकन विद्यार्थियों का प्रदर्शन और अधिकारियों की रिपोर्ट करेगी फैसला। बेसिक शिक्षाधिकारी इन वार्षिक आख्या को 21 मई तक अंतिम रूप से आनलाइन दाखिल करेंगे। इसके बाद प्रोन्नति होगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को इस वर्ष पास होने के लिए बेहतर अंक जुटाने होंगे। उसी के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। अंत में शिक्षाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला होगा कि भविष्य में उनकी वेतन बढ़ोतरी व प्रोन्नति मिलेगी या नहीं। इसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है।
उनके आदेश पर पहली बार परिषदीय शिक्षकों की वार्षिक आख्या (सीआर) कार्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। पहले शिक्षक खुद अपना मूल्यांकन करेंगे और उसके बाद खंड और जिला स्तर के अधिकारी उस पर अंक देंगे। इसके लिए मानक पिछले वर्ष ही तय किए गए थे।
यह होगी प्रक्रिया
परिषदीय शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या आनलाइन लिखी जाएगी। प्रधानाध्यापक और शिक्षक मानव संपदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक स्वमूल्यांकन करेंगे। इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी 15 मई तक अपना मूल्यांकन दाखिल करेंगे। अंत में बेसिक शिक्षाधिकारी इन वार्षिक आख्या को 21 मई तक अंतिम रूप से आनलाइन दाखिल करेंगे।
शिक्षक देंगे जानकारी
इस वर्ष विद्यार्थियों और खुद की उपस्थिति वाली जानकारी नहीं देनी होगी क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय खुले ही नहीं। विद्यालयों में टेबलेट भी अब तक नहीं पहुंचें हैं। मानकों में विद्यालय में आपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए विषय का ग्रेड, विद्यालय प्रबंधक समिति (एसएमसी) की बैठक, विद्यार्थियों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों पर शिक्षकों के प्रदर्शन को आंका जाएगा। इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने अंक भी जारी किए हैं। इन्हीं जानकारियों से मिले अंकों से उनकी मूल्यांकन होगा, जिससे उन्हें वेतन बढ़ोतरी व प्रोन्नति मिलेगी।
जीरो अंक का भी प्रावधान
इसमें सहायक अध्यापक को विषय में विद्यार्थी का ए प्लस ग्रेड आने पर 20, ए ग्रेड आने पर 16, बी ग्रेड पर 12, सी ग्रेड पर आठ और डी ग्रेड पर शिक्षक को सिर्फ चार अंक मिलेंगे। इसके अलावा पूरी कक्षा के 75 फीसद या अधिक विद्यार्थियों के ए प्लस या ए श्रेणी लाने पर शिक्षकों 20 अंक मिलेंगे। नहीं तो शून्य दिया जाएगा।