Stop Begging: भिक्षावृत्ति में रेस्क्यू किए बच्चों की निगरानी को अभिभावकाें पर नजर, पढ़ें क्या है पूरा अभियान
Stop Beggingताजनगरी में भिक्षावृत्ति के खिलाफ चलाया जा रहा है अभियान। अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को किया जा चुका है रेस्क्यू। पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति में रेस्क्यू किए बच्चों को अभिभावकों को सौंपा गया था। इन बच्चों की लगातार निगरानी की जा रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में मानव तस्करी निरोधक थाने द्वारा चाइल्ड लाइन और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अब अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने रेस्क्यू किया था। पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति में रेस्क्यू किए बच्चों को अभिभावकों को सौंपा गया था। इन बच्चों की लगातार निगरानी की जा रही है। इससे कि अभिभावकों द्वारा इन बच्चों से दोबारा भिक्षावृत्ति न कराई जा सके। इसके लिए पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम अभिभावकों के यहां दस्तक भी दे रही है।
एसएसपी बबलू कुमार ने तीन दिसंबर को मानव तस्करी निरोधक थाने समेत सभी 42 थानों के साथ बैठक की थी। एसएसपी ने पुलिस को भिक्षावृत्ति रोकने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने एमजी रोड पर सर्वे करके भीख मांगने वाले 45 बच्चों को चिन्हित किया था। इसमें महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती हैं। जबकि आठ से 12 साल की उम्र के बच्चे चौराहों पर भीख मांगते मिले थे। नरेश पारस ने चिन्हित बच्चों की सूची एसपी सिटी कार्यालय को सौंपी थी।
इसके दस दिसंबर को गुरुवार को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने ने थानों में तैनात बाल अधिकारियों और चाइल्ड लाइन की टीम के साथ सुबह दस बजे से अभियान शुरू किया था। इस दौरान न्यू आगरा, हरीपर्वत, लोहामंडी, रकाबगंज आैर सदर थाना क्षेत्र में आने वाले एमजी रोड के प्रमुख चाैराहों पर अभियान चलाया था। इससे भीख मांगने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में अफरातफरी मच गई। वह पुलिस को देखते ही संकरी गलियों में जाकर गुम हाे गए। अभियान में उस समय 14 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे।
लगातार किए जा रहे रेस्क्यू अभियान के बाद यह बच्चे दोबारा भिक्षावृत्ति न करने लगें, इसके लिए मानव तस्करी निरोधक थाना और चाइल्ड लाइन की टीम इन बच्चों का लगातार फीड बैक ले रही है। उनके अभिभावकों के संपर्क में है।