Revised code of Ethics: आडिट से पहले आवश्यक होगा कोड आफ एथिक्स का पालन
Revised code of Ethics चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) आगरा शाखा की वर्चुअल सीपीई मीटिंग। मीटिंग का विषय रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स था। सीए इंस्टीट्यूट द्वारा जारी रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स को ध्यान से पढ़ने व समझने की जरूरत है।
आगरा, जागरण संवाददाता। रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स के दूसरे भाग में दिए मानक प्रैक्टिस करने वाले सीए सदस्यों पर लागू होते है। नए मानकों के अनुसार आडिट कार्य में अब पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। सारे साक्ष्य के प्रस्तुत होने पर ही सीए सदस्य अपनी रिपोर्ट देंगे। इससे कार्य करने व कार्य जांचने, दोनों की ही गुणवत्ता बढ़ेगी। यह कहना है द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) की एथिकल स्टैंडर्ड बोर्ड की अध्यक्ष सीए केमिशा सोनी का।
उन्होंने यह बातें शनिवार को आगरा शाखा की वर्चुअल सीपीई मीटिंग में कहीं, जिसका विषय रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स था।
संस्थान के एकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड अध्यक्ष चरनजोत सिंह नंदा ने बताया कि सीए इंस्टीट्यूट द्वारा जारी रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स को ध्यान से पढ़ने व समझने की जरूरत है। इससे हम आडिट से दौरान आने वाली तमाम समस्याओं से बच सकते है। वक्ता जगजीत सिंह ने बताया कि किसी भी आडिट को शुरू करने से पहले रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स का ध्यान रखें। संस्थान ने रिवाइज्ड कोड आफ एथिक्स को तीन वाल्यूम में प्रकाशित किया है, जो सदस्यों के आडिट कार्य में सहायक साबित होंगे।
शुरुआत शाखा अध्यक्ष शरद पालीवाल व संचालन सचिव गौरव बंसल ने किया। इस दौरान देवेंद्र सोमानी, सौरभ नारायण सक्सेना, सिकासा अध्यक्ष दीपिका मित्तल, सुदीप जैन, राकेश अग्रवाल, राजीव शाह, अनूप शर्मा, आकांक्षा अग्रवाल आदि मौजूद रहे।