Progressive Farmer: परंपरा से इतर खेती कर लाखों कमा रहे आगरा के ये किसान
Progressive Farmer गंगोरा खेड़ा के विनोद कुमार शर्मा की पांच बीघा जमीन में लहरा रही है बैंगन और हरी मिर्च फसल। सालभर में लगभग तीन लाख की होती है पैदावार। आय में भी बढोत्तरी हुई है। पारंपरिक खेती की अपेक्षा उन्हें इस खेती से अधिक लाभ हुआ है।
आगरा, जागरण संवाददाता। पारंपरिक खेती से हट कर अब किसान खेती में नए फसलों की ओर रूख करते नजर आ रहे है। ऐसा करने उन्हें लाभ भी हो रहा है। साथ ही उनके साथ दूसरे किसान भी उनसे प्रेरित हो रहे है।
गंगोरा खेड़ा के विनोद कुमार शर्मा खेती के क्षेत्र में नए फसलों की ओर रूख करते नजर आ रहे है। उनके खेत में इन दिनों बैंगन और हरी मिर्च की फसल लहलहा रही है। खेती के उत्पादन से किसान उत्साहित है। वैसे तो इस गांव के किसान पारंपरिक खेती को ही प्राथमिकता देते रहे हैं। जिसमें सरसों, आलू, गेहूं आदि शामिल है, लेकिन अब किसान इनके अलावा बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती से जुडऩे लगे हैं। विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि चार बीघा जमीन में बैंगन और एक बीघा में हरी मिर्च की फसल खड़ी है। उन्होंने बताया कि इसे उनकी आय में भी बढोत्तरी हुई है। पारंपरिक खेती की अपेक्षा उन्हें इस खेती से अधिक लाभ हुआ है।
हर साल तीन लाख रुपये की होती है पैदावार
विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि बैंगन और हरी मिर्च की खेती से उनकी साल में तीन लाख रुपये की पैदावार होती है। वहीं लागत की बात की जाए तो चार बीघा में 1100 रुपये का बैंगन का बीज और एक बीघा हरी मिर्च के लिए 700 रुपये का बीज डाला जाता है। इसमें साल भर में 240 कुंटल बैंगन और 12 कुंटल मिर्च की पैदावार होती है। जिसमें 50 हजार रुपये का खर्च आता है।
यहां तक पहुंचती है सब्जी
विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि उनके खेत के बैंगन और हरी मिर्च आगरा के आलावा दिल्ली, गोरखपुर, आजादपुर, फीरोजाबाद आदि जगहों पर सप्लाई होती है।
यहां किसान ले रहे है कृषि कानून का लाभ
एक ओर जहां देश में कुछ किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। वहीं कुछ किसान इसका लाभ ले रहे है। विनोद शर्मा के आलावा कई किसान ऐसे जिन्होंने कहा कि सरकार के इस कानून से वह अपनी फसल किसी भी राज्य में बेचने के लिए स्वतंत्र है। उनका कहना है इसे किसानों को लाभ होगा और वह इसका लाभ ले भी रही है।