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UP Board 2021: डाटा फीडिंग की अंतिम तिथि आज, महज 84 ने अपलोड की सूचना

UP Board 2021 यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनने के लिए होनी है आनलाइन डाटा फीडिंग। अंतिम तिथि पांच दिसंबर 788 विद्यालय अब भी बाकी। वर्ष 2021 की परीक्षा में सिर्फ वहीं विद्यालय केंद्र बनने के पात्र माने जाएंगे जिन्होंने आनलाइन आवेदन किया होगा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 08:43 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 08:43 AM (IST)
UP Board 2021: डाटा फीडिंग की अंतिम तिथि आज, महज 84 ने अपलोड की सूचना
यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनने के लिए होनी है आनलाइन डाटा फीडिंग।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा नकलविहीन कराने का नतीजा अब दिखाई देने लगा है। आलम यह है कि जहां बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने के लिए विद्यालयों में होड़ लगती थी। वहीं इस बार केंद्र बनने के लिए अब तक महज 84 विद्यालयों ने ही आनलाइन डाटा फीडिंग की है, जबकि अंतिम तिथि पांच दिसंबर है।

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जिला विद्यालय निरीक्षण रवींद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में सभी राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनने के लिए आधारभूत सूचनाएं पांच दिसंबर तक परिषद की वेबसाइट पर आनलाइन अपलोड करनी है। सूचना बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति के साथ विद्यालयों को दे दी गई है, लेकिन अंतिम दिन तक महज 84 विद्यालयों ने ही अपनी सूचनाएं अपलोड की हैं, जबकि जिले के 788 विद्यालय अब भी बाकी हैं।

नहीं बन पाएंगे परीक्षा केंद्र

बोर्ड ने परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में स्पष्ट कर दिया है कि वर्ष 2021 की परीक्षा में सिर्फ वहीं विद्यालय केंद्र बनने के पात्र माने जाएंगे, जिन्होंने आनलाइन आवेदन किया हो। आनलाइन सूचना फीड न करने वाले विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने का पात्र नहीं माना जाएगा।

अब तक यह रहती थी स्थिति

योगी सरकार ने सत्ता में आते ही नकल विहीन परीक्षा का दावा किया। इसके लिए सीसीटीवी और वायस रिकार्डर की निगरानी में दो सत्रों की परीक्षा भी करा दी गई। 2018 में जहां परीक्षा में सख्ती बरती गई, वहीं 2019 की परीक्षा में इसे और बढ़ा दिया गया। उम्मीद है 2021 में सख्ती और बढ़ेगी। वहीं केंद्रों पर सेटिंग न बन पाने के कारण नकल के ठेके उठने की स्थिति भी नहीं बन पाएगी। साथ ही सीमित संख्या में परीक्षा केंद्र बनने और उनमें से राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को वरियता देने से नकल माफिया का तिलस्म टूटने लगा है। इस कारण अब बोर्ड परीक्षा केंद्र बनना भी फायदे का सौदा नहीं रहा। शायद इसलिए ही आवेदनों की संख्या इतनी कम है।


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