Fraud in Taxation: फर्जी आइटीसी डकारना होगा मुश्किल, आधार नंबर से ही मिलेगा पंजीयन
Fraud in Taxation वित्त मंत्रालय ने 27 नवंबर को जारी किया है आदेश। बिना आधार होगा फर्म का भौतिक सत्यापन। जीएसटी कानून में अब तक अस्तित्वहीन फर्मों ने सरकारी विभागों के राजस्व को खूब नुकसान पहुंचाया। लेकिन अब निर्देश जारी होने के बाद अस्तित्वहीन व फर्जी कारोबारियों पर नकेल कसेगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। बोगस फर्म व इनवाइस बनाकर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने वालों पर सरकार ने नजरें टेढ़ी कर ली है। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने बिना आधार नंबर सत्यापन के प्राप्त नए वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पंजीयन के मामलों में व्यापार स्थल का भौतिक रूप से सत्यापन अनिवार्य कर दिया है।
सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि 27 नवंबर को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सख्त लहजे में एक पत्र जारी कर केंद्रीय जीएसटी व राज्यों के वाणिज्य कर विभागों को निर्देश दिए हैं कि नए पंजीयन के मामले में सिर्फ व्यापार स्थल के स्वामित्व संबंधित प्रपत्रों की ही जांच नहीं होगी, बल्कि उन्हें अपनी आयकर विवरणी आदि की भी जांच करानी होगी। लिहाजा नया जीएसटी पंजीयन लेने वाले कारोबारियों को सलाह है कि सभी साझेदारों, डायरेक्टर एवं प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का आधार सत्यापन अवश्य कराएं तो लाभ रहेगा।
आधार सत्यापन से होगा लाभ
जीएसटी कानून में अब तक अस्तित्वहीन फर्मों ने सरकारी विभागों के राजस्व को खूब नुकसान पहुंचाया। लेकिन अब निर्देश जारी होने के बाद अस्तित्वहीन व फर्जी कारोबारियों पर नकेल कसेगी।
होगा भौतिक सत्यापन
21 अगस्त 2020 से जीएसटी नियमावली के नियम-नौ में संशोधन किया गया था, जिसमें बिना आधार सत्यापन पंजीयन लेने पर “आटो अप्रूवल” सुविधा को तीन दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया गया था। साथ ही व्यापार स्थल के भौतिक सत्यापन संबंधित नियम-25 भी संशोधित किया गया था। इस क्रम में अब वित्त मंत्रालय के निर्देश हैं कि बिना आधार 21 दिन में मिले “ऑटो अप्रूवल” वाले कारोबारियों के व्यापार स्थल का अनिवार्य रूप से भौतिक सत्यापन करें। वहीं विसंगति मिलने पर संबंधित अधिकारी नियम-22 के अंतर्गत नोटिस जारी कर पंजीयन निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी।