Child Marriage in Agra: लाकडाउन के बाद अब सहालग में नाबालिगों की शादी पर रहेगी नजर
Child Marriage in Agra चाइल्ड हेल्पलाइन पर आने लगीं नाबालिग लड़कियों के विवाह की सूचनाएं। बुधवार को शाहगंज इलाके में नाबालिग की शादी करते स्वजन को काउंसिलिंग के बाद गया रोका। आर्थिक स्थिति का हवाला देकर बड़ी बेटी के साथ छोटी की शादी करना चाह रहे थे अभिभावक।
आगरा, जागरण संवाददाता। लाकडाउन के बाद अब शादी सहालग शुरू होने पर नाबालिगों की शादियों पर चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी निरोधक शाखा की नजर रहेगी। बुधवार को शाहगंज में नाबलिग का विवाह होने की जानकारी पर चाइल्ड लाइन और पुलिस ने मौके पर दौड़ लगा दी। पहले तो स्वजन बेटी की शादी रोकने को तैयार नहीं हुए। मगर, जब उन्हें कानून की जानकारी दी गई तो वह नाबालिग बेटी की शादी नहीं करने को राजी हुए।
लाकडाउन के दाैरान जिले में 19 नाबालिगों की शादी की सूचना चाइल्ड लाइन काे मिली थी। उसने कई शादियाें को मौके पर जाकर रोका था। अधिकांश अभिभावक आर्थिक तंगी और कोरोना संक्रमण काल में बरातियों की संख्या सीमित होने के चलते अपनी बेटियों के हाथ पीले करना चाहते थे। स्वजनों की काउंसिलिंग करने के साथ ही उन्हें कानून की जानकारी भी देनी पड़ी थी। चाइल्ड लाइन की नजर अब शादियों की सहालग पर है। बुधवार की शाम को चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर फोन आया। चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस को लेकर मौके पर पहुंची। परिवार के लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि बड़ी बेटी की शादी है। इसके साथ ही वह नाबालिग बेटी की शादी भी करने की तैयारी कर चुके हैं। एक साथ दोनों बेटियों की शादी होने से उसका खर्चा कम आएगा।
चाइल्ड लाइन की टीम के समझाने के बाद भी स्वजन छोटी बेटी की शादी करने पर आमादा थे। इस पर पुलिस ने उन्हें समझाया कि नाबालिग की शादी करने पर उनका दो लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है। मुकदमा दर्ज करके पुलिस उन्हें जेल भेज सकती है। मौके पर पहुंचे इलाके के पार्षद ने भी नाबालिग नहीं होने देने का आश्वासन पुलिस और चाइल्ड लाइन काे दिया। चाइल्ड लाइन समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि स्वजन और इलाके के पार्षद ने नाबालिग की शादी नहीं होने का आश्वासन दिया है। इसके बाद टीम लौट आई।
कोरोना गाइड लाइन और आर्थिक हालात के चलते ले रहे फैसला
चाइल्ड लाइन समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि नाबालिगाें की शादी का फैसला करने वाले ज्यादातर अभिभावक आर्थिक हालात के चलते भी यह कर रहे थे। यह तथ्य कोरोना काल में अभिभावकों की काउंसिलिंग के दौरान सामने आया था। अभिभावकों का कहना था कि कोराेना गाइड लाइन में शादी में मेहमानाें की संख्या सीमित हो गई है। इसने शादी की दावत में खर्च होने वाले रकम काफी कम हो गई है। वह इस गाइड लाइन को अपने लिए अवसर के रूप में देख रहे थे।