Jones Mill Case: जमीन की पैमाइश में खुल रहे सारे भेद, टीम जुटी जोंस मिल की कुंडली खंगालने में
Jones Mill Case सरकारी जमीन पर मिले 20 गोदाम और 35 दुकानें। तहसील सदर की संयुक्त टीम ने चार खसरों में की जमीन की पैमाइश आज भी जाएगी टीम। कई गोदाम संचालकों और दुकानदारों के पास नहीं मिले दस्तावेज।
आगरा, जागरण संवाददाता। जोंस मिल की जमीन पर अवैध कब्जे की कुंडली खंगाल रही टीम के सामने सारी हकीकत परतों की तरह खुलती जा रही है। जीवनी मंडी रोड स्थित जोंस मिल के चार खसरों में फर्जी दस्तावेजों से जमीन की बिक्री हुई है। कई गोदाम संचालकों और दुकानदारों ने जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। ऐसे लोगों के पास जमीन का कोई भी दस्तावेज नहीं है। यह पर्दाफाश शुक्रवार को तहसील सदर की संयुक्त टीम की जांच में हुआ। चार खसरों की पैमाइश में 20 गोदाम और 35 दुकानें मिली हैं। शनिवार को भी टीम पैमाइश करेगी।
जोंस मिल में इसी साल 19 जुलाई को बम धमाका हुआ था। यह धमाका जमीन खाली कराने के लिए किया गया था,इसमें रज्जो जैन सहित अन्य शामिल थे। बाद में पुलिस ने बिल्डर हेमेंद्र अग्रवाल का नाम भी शामिल किया। अगस्त के पहले सप्ताह में डीएम प्रभु एन सिंह के आदेश पर फर्जी तरीके से जमीन हड़पने के जांच के आदेश दिए गए थे। एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई। तहसील सदर की संयुक्त टीम ने खसरा नंबर 1741, 2072, 2088, 2090 में सरकारी जमीन की पैमाइश की। जमीनों पर चिन्ह भी लगाए गए। दो दिन के भीतर 20 गोदाम और 35 दुकानों मिली हैं।
राजस्व अभिलेखागार में दस्तावेजों की हुई जांच
कलक्ट्रेट स्थित राजस्व अभिलेखागार में शुक्रवार को 80 साल पुराने दस्तावेजों की जांच हुई। तीन घंटे तक चली जांच में 29 पेज अहम मिले।
- जोंस मिल में चार खसरों की जांच में गोदाम और दुकानें मिली हैं। कई लोगों के पास कोई भी दस्तावेज नहीं मिले हैं।
निधि श्रीवास्तव, अध्यक्ष जांच समिति जोंस मिल