Bicycle Highway: आगरा- इटावा बाइसिकल हाईवे, पढ़ें सपा सरकार के सपने का आज क्या है हाल
Bicycle Highway जगह-जगह अतिक्रमण से घिरा आगरा- इटावा बाइसिकल हाईवे। 207 किमी लंबा है बाईसकिल हाइवे। 133 करोड़ रुपये थी योजना की लागत। 92 गांव पड़ते हैं इस ट्रैक पर26 नवंबर 2916 को हुआ था लोकार्पण। सपा सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कहने को तो बाईसकिल हाइवे है लेकिन इस पर साइकिल तो दूर पैदल तक चलने के लिए जगह नहीं है। इसका अधिकांश हिस्सा अतिक्रमण से घिरा है। बहुत से हिस्सा रेत में ढक गया है। कई जगह से टूट गया है। स्थिति यह है कि आगरा-इटावा के बीच बने इस बाईसकिल हाईवे ढूंढते रह जाओगे। वर्ष 2016 में पर्यटन प्रोत्साहन के साथ-साथ रोमांच के लिए आगरा से इटावा के बीच 207 किमी लंबा बाईसकिल हाईवे बनाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका लोकार्पण किया। सपा सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी। मगर, समय के साथ यह योजना उपेक्षा का शिकार होती गई। लोकार्पण के बाद किसी ने भी इस बाईसकिल हाईवे के नाम से बने साइकिल ट्रैक की ओर पलटकर नहीं देखा। स्थानीय लोगों ने इसका लाभ उठाया। अब स्थिति यह है कि हर कदम पर अतिक्रमण हो गया है। किसी ने ईंटों के चट्टे लगा दिए हैं तो किसी ने बालू के ढेर। किसी ने कूड़े एकत्रित कर दिया है तो किसी ने अपने पशु बांध लिए हैं। देखरेख के अभाव में शेष हिस्से पर रेत का दब गया है। वर्तमान में साइकिल चलाने के लिए इसका उपयोग नहीं हो पा रहा।
क्या था उद्देश्य
रोमांच प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बाईसकिल हाईवे विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य था कि पर्यटक ताजमहल का दीदार करने के बाद साइकिल से चंबल के बेहड़ के नजारे देखते हुए इटावा स्थित लायन सफारी तक पहुंचे। रास्ते में ग्रामीण परिवेश को देख सके। मगर, सपा सरकार जाने के बाद इस ट्रैक की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
फैक्ट
207 किमी लंबा है बाईसकिल हाइवे।
133 करोड़ रुपये थी योजना की लागत।
92 गांव पड़ते हैं इस ट्रैक पर।
26 नवंबर 2916 को हुआ था लोकार्पण।
सपा सरकार था सपना
2016 में पर्यटन प्रोत्साहन के साथ-साथ रोमांच के लिए आगरा से इटावा के बीच 207 किमी लंबा बाईसकिल हाईवे बनाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका लोकार्पण किया। सपा सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी।