Make Small Strong: शुद्धता और स्वाद से बनाए दाऊजी ने ग्राहकों से मीठे रिश्ते
Make Small Strong आगरा क्या पूरे ब्रज में अगर मिठाई की बात करें तो दाऊजी की मिठाई का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। दाऊजी अब आगरा के अलावा दुबई में भी शॉप खोल चुके हैं।
आगरा, गौरव भारद्वाज। कारोबार में सफलता के लिए निरंतर सकारात्मक बदलाव, गुणवत्ता और ग्राहकों के भरोसे को बनाए रखना सबसे अहम होता है। ये तब और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, जब मामला लोगों के स्वाद और सेहत से जुड़ा हो। बस, इसी सोच और विश्वास के साथ ही श्री दाऊजी मिष्ठान भंडार की शुरुआत की गई थी। यह कहना है श्रीदाऊजी मिष्ठान भंडार के जय अग्रवाल का। 35 साल से ग्राहक और दाऊजी मिष्ठान भंडार का रिश्ता लगातार मजबूत हुआ है। लोगों ने गुणवत्ता और स्वाद को सराहा। तभी तो आगरा से निकलकर दुबई तक हमने लोगों का दिल जीता। बस, यही कामयाबी की पहचान बन गई।
जय अग्रवाल ने बताते हैं कि वर्ष 1985 में उनके पिता विजय कुमार अग्रवाल (अब दिवंगत) ने नुनिहाई में छोटी सी दुकान से श्री दाऊजी मिष्ठान भंडार की शुरुआत की थी। उनका एक ही प्रयास था कि लोगों को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण मिष्ठान उपलब्ध कराई जाए, जो एक बार मिठाई खाए तो उसे स्वाद याद रहना चाहिए। इसी सोच के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए, लोगों का प्यार मिलता रहा। यही कारण रहा कि 15 साल बाद भगवान टाकीज चौराहे पर दूसरी दुकान खुल गई। कारोबार विस्तार का सिलसिला तेज हुआ।
35 साल में दुबई तक विस्तार
2012 में कमला नगर, 2016 में दुबई और 2018 में फीरोजाबाद में श्रीदाऊजी मिष्ठान भंडार का शोरूम खोला। जय कहते हैं कि पिछले 35 साल में बहुत बदलाव आया है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में गुणवत्ता के दम पर ही बाजार में टिका रहा जा सकता है। इसको लेकर ही वो आगे बढ़ रहे हैं। समय के साथ हमने अपनी गुणवत्ता को और बेहतर करने का प्रयास किया है। इसके लिए तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। शुद्धता बनी रही, इसके लिए मिठाई बनाने के लिए मशीन का भी सहारा लिया जाता है।
मिठाई के काम में भी तकनीक
उनके यहां मावा बनाने के लिए मशीन लगी है। छैना बनाने के लिए बायलर प्लांट लगा है। आगरा में सबसे पहले इन मशीन का इस्तेमाल उनके यहां ही हो रहा है। साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों में संक्रमण को लेकर एक भय था, ऐसे में उनकी चुनौती और बढ़ गई। इसके लिए कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए मिठाई तैयार कराई जा रही हैं। सभी कारीगर और कर्मचारी मास्क और ग्लब्स पहनकर काम करते हैं। इस महामारी में भी लोगों का विश्वास पहले की तरह बना हुआ है। इस भरोसे को कायम रखने के लिए हरसंभव प्रयास जारी रहेंगे। सभी कर्मचारी और कारीगर परिवार की तरह साथ रहे।
डिजिटल प्लेटफार्म भी चुना
जय बताते हैं कि छोटी दुकान से शोरूम तक के सफर में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मगर, हमेशा आगे बढऩे की सोच और सकारात्मक रवैए ने हर मुश्किल को हल करने में मदद दी। 35 साल में ग्राहकों से आत्मीयता का रिश्ता बना। हर त्योहार और खुशी के मौके पर लोगों ने हमारी मिठाइयों को पसंद किया। बेहतरी के लिए ग्राहकों से संवाद किया। उनके सुझावों का स्वीकार करते हुए बदलाव भी किए गए। सबको ध्यान में रखते हुए अलग-अलग मिठाई तैयार की गई। हर बार कुछ नया देने की कोशिश रहती है। वे कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में प्रचार के लिए सोशल मीडिया और पेमेंट के लिए डिजीटल प्लेटफार्म का सहारा लिया। त्योहार पर क्या नया आइटम होगा। किस तरह स्वच्छता बरतते हुए मिठाई तैयार होती है, इसको वीडियो के माध्यम से लोगों को अवगत कराते हैं। इसका लाभ भी मिलता है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है, लोगों का भरोसा भी कायम रहता है। इसके अलावा भुगतान के लिए गूगल पे, पेटीएम और अन्य माध्यम का इस्तेमाल करते हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। तकनीक के माध्यम से लोगों से जुडऩा आसान है। आने वाला समय में तकनीकी रूप से और सक्षम होना होगा।
गुणवत्ता से समझौता नहीं
जय बताते हैं कि गुणवत्ता से भी समझौता नहीं किया। ये अलग बात है कि समय के साथ स्वाद का दायरा व्यापक किया। ग्राहकों के साथ हमारा ये सालों पुराना रिश्ता ही है कि काफी दूर से चलकर वह हमारे यहां तक आते हैं। ग्राहक का यह विश्वास जीतने से लिए हमने काफी मेहनत की है। मिठाई बनाने के दौरान स्वच्छता पर पूरा ध्यान दिया जाता है। हमारे यहां अधिकांश कारीगर वर्षों पुराने हैं। कोविड-19 की रोकथाम के लिए जो नियम बनाए गए हैं, हम उनका पूरा पालन करते हैं।