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Blast in Agra: पटाखों के गोदाम में विस्फोट की आंखाें देखी, पढ़ें घटना के पीछे की पूरी कहानी

Blast in Agra हिल गई घरों की दीवारें दहशत में आए लोग। एक किमी दूर तक सुनाई दी धमाके की जबर्दस्त आवाज। पंद्रह मिनट तक गिरे जलते पटाखे घर छोड़ भागे लोग। हादसे को लेकर लोगों में आक्रोश है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 08:18 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 08:18 AM (IST)
Blast in Agra: पटाखों के गोदाम में विस्फोट की आंखाें देखी, पढ़ें घटना के पीछे की पूरी कहानी
पंद्रह मिनट तक गिरे जलते पटाखे, घर छोड़ भागे लोग।

आगरा, जागरण संवाददाता। पांच फीट चौड़ी गली में बने घर की छत पर आतिशबाजी बनाई जा रही थी। यहां तैयार पटाखों के साथ ही बारूद भी रखा था। इसीलिए धमाका बहुत तेज हुआ। धमाके से आसपास के घरों की दीवारें हिल गईं और लोग दहशत में आ गए। कई लोगों के घरों में ईंट पत्थर गिरे। मौत उनके करीब से निकल गई। हादसे को लेकर लोगों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से घर में आतिशबाजी का काम चल रहा था।

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न्यू आजमपाड़ा में चमन मंसूरी के घर के सामने राजू का घर है। धमाके के समय उनकी पत्नी साबरा छत पर थीं। साबरा ने बताया कि उनके छह बच्चे हैं। महक, अमन, अरमान, फैजान, अफरीदी व महजबी। वह बेटी महजबी को छत पर नहला रही थीं। तभी अचानक तेज धमाका हुआ। उनके कंधे पर ईंट लगी। वह घबराकर चीखने लगीं।

ऐसा लग रहा था कि घर की दीवारें हिल रही हैं। इसके बाद 15 मिनट तक जलते हुए पटाखे और ईंटें उनके घर की छत पर आकर गिरती रहीं। वह चीखकर कमरे में भागीं। बच्चों को कमरे में बंद कर लिया। तभी देखा कि छत पर रखे रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन में आग लग गई। उन्होंने शोर मचाया। नीचे से सम्मो पत्नी चांद खां ऊपर भागकर आईं। पानी डालकर आग बुझाई। पड़ोसी रीना पत्नी फरमान अली ने बताया कि उनकी पूरी छत ईंटों से अटी पड़ी है। ऐसा लग रहा जैसे असमान से ईंट और अंगारे बस रहे हैं। पूरे परिवार ने घर से बाहर भागकर जान बचाई। सामने ही अब्दुल गफूर का मकान है। उनके घर का भी कुछ ऐसा ही हाल था। बराबर में हबीब का घर है। उनके घर की छत पर तो मलबा बिखरा पड़ा था। दीवार उनके घर पर गिरी थी। जिस कारण उनके घर की छत में भी दरार आ गई। दहशत में पूरा परिवार घर से बाहर भाग आया था। चमन के घर के पीछे स्थित नसरू के घर की छत पर मलबा गिरा। उनके बच्चे कुछ देर पहले ही खेलने चले गए थे। घर में बैठे छोटे भाई बबलू सिर में ईंट लगने से जख्मी हो गए।

चमन मंसूरी छह भाई हैं। पांच भाइयों के परिवार इसी मकान में रहते हैं। हादसे में घर में मौजूद महिलाओं को भी चोटें आई हैं। जान सिर्फ उन्हीं लोगों की गई है जो छत पर बने टीनशेड के कमरे में मौजूद थे। तीनों बच्चे पहली मंजिल पर बने कमरे में थे। इस कमरे की छत उड़ गई थी। मलबा और आग के गोले नीचे गिरे थे। बच्चे उसमें जख्मी हुए। महिलाएं घर से बाहर भागते समय जख्मी हुईं। मौके पर मौजूद गुलचमन शेरवानी, शाकिर उस्मानी आदि ने बताया कि धमाका बहुत जबरदस्त था। धमाके की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटना स्थल से 500 मीटर दूर तक लोग घरों से बाहर निकल आए थे। गली में मौजूद महिलाएं खुलकर बोल रही थीं कि चमन मंसूरी के घर आतिशबाजी का काम होता है। कई बार विरेाध के बावजूद इस परिवार ने घर में आतिशबाजी का काम बंद नहीं किया।

पहले हादसों में पुलिस कार्रवाई करती तो न जाती जानें

बस्ती वालों ने बताया कि इससे पहले चमन के घर में दो बार और आग लग चुकी है। वर्ष 2007 में भी आग लगी थी। तब भी आतिशबाजी के कारण हादसा हुआ था। उस समय चमन मंसूरी ने पड़ोसियों से हाथ-पैर जोड़कर यह लिखवा लिया था कि आग खाना बनाते समय लगी थी। पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया था। मोहल्ले वालों ने बताया घनी बस्ती में आतिशबाजी का अवैध काम किसी भी जान ले सकता था। यह कहने के बावजूद पुलिस ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पहले कई बार वे शिकायत भी कर चुके हैं। पुलिस कहती है कि लिखित शिकायत करो। बस्ती में रंजिश के कारण कोई खुलकर सामने नहीं आता।

पुराना है चमन का आतिशबाजी का काम

चमन मंसूरी की मुगल फायर वर्क्स के नाम से फर्म है। मिढ़ाकुर क्षेत्र में गोदाम है। दशहरा पर रामलीला मैदान में आतिशबाजी के प्रदर्शन में यह परिवार जाता है। सालों से वहां काम कर रह है। इस बार भी इनके घर पर दशहरा को लेकर तैयारियां चल रही थीं। आतिशबाजी बनाई जा रही थी। चमन मंसूरी की पुलिस प्रशासन में पहचान है। इस कारण अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने कभी उसके घर छापा नहीं मारा। भले ही पूरे शहर में अभियान चलाया गया हो। पूर्व में आगरा में कई हादसे हो चुके हैं। पुलिस आतिशबाजों के घर दबिश देती है मगर चमन के घर कभी तलाशी अभियान नहीं चलाया गया। अगर पुलिस सख्ती करती तो लोगों की जान न जातीं।

धमाके के बाद कई मीटर दूर गिरी

घटना स्थल के आस-पास जले हुए पटाखे पड़े थे। लोगों की छतों पर बम और पटाखों का मलबा बिखरा पड़ा था। हर तरफ ईंट-पत्थर बिखरे हुए थे। लोगों ने बताया कि हादसे के बाद एक जला हुआ हाथ का पंजा और अंगुली तो 50 मीटर दूर सड़क पर पड़ी मिली। करीब 70 मीटर दूर सड़क पार एक युवक छत पर खड़ा था। एक ईंट उसके सिर पर लगी। वह भी जख्मी हुआ है।

25 मिनट में पहुंची फायर ब्रिगेड

पचकुइयां कोठीमीना बाजार मार्ग बंद है। फायर स्टेशन ईंदगाह में पुलिस लाइन के सामने है। हादसे की सूचना 12 बजकर 48 मिनट पर दी गई थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में करीब 25 मिनट का समय लगा। दमकल कर्मियों ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण घूमकर आना पड़ा। रामनगर की पुलिया से शंकरगढ़ की पुलिया तक सड़क पर ही बाजार लगा हुआ था। रास्ता जाम था। इस कारण आने में समय लग गया। दमकल कर्मियों ने बताया कि जब वे मौके पर आए। मकान भट्टी की तरह जल रहा था। कर्मचारियों ने साहस दिखाया। पाइप लेकर अंदर तक घुसे चले गए। तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया

मौत के बाद जागा प्रशासन, अब होगा सत्यापन

शहर में घनी आबादी में आतिशबाजी बनाने का काम हो रहा है। कई स्थानों पर गोदाम हैं। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने अब तक सुध नहीं ली थी। शाहगंज में धमाके में लोगों की जान जाने के बाद अब आतिशबाजी लाइसेंस के सत्यापन को अभियान चलाया जाएगा। चमन आतिशबाज के लाइसेंस का भी नवीनीकरण नहीं हुआ था।

डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि इस बार बिना सत्यापन के किसी का लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। पिछले दिनों खंदारी से दुबे जी पटाखा शाप के मालिक ने लाइसेंस नवीनीकरण को आवेदन किया था। उन्होंने अपनी दुकान और गोदाम आबादी क्षेत्र से बाहत बताए थे। एसीएम और सीओ द्वारा सत्यापन किया गया तो तथ्य गलत निकले। दुकान और गोदाम आबादी क्षेत्र में थे। इसलिए लाइसेंस जारी नहीं किया गया। डीएम ने बताया कि अब सभी पुराने आतिशबाजी लाइसेंसों के सत्यापन का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शाहगंज निवासी चमन का आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस मिढ़ाकुर के नाम से है। इसका भी अभी नवीनीकरण नहीं हुआ था। बस्ती में आतिशबाजी बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था। यहां अवैध तरीके से बनाई जा रही थी।

फोरेंसिक टीम ने लिए विस्फोटक के नमूने

धमाके के बाद फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। टीम ने मौके से नमूने लिए। फोरेंसिक टीम यह जांच कर रही है कि धमाके कारण क्या था? मौके से कौन विस्फोटक पदार्थ मिला है। कमरे में गैस सिलिंडर भी रखा था। उसी में से आग लगना बताया जा रहा है। धमाके के समय गैस सिलिंडर भी फटा या नहीं?

घरों से बाहर निकाले गैस सिलिंडर

चमन के घर में धमाके के बाद आसपास के लोगों ने भी अपने घरों से गैस सिलिंडर बाहर निकाल लिए। उन्हें ले जाकर एक खाली स्थान पर रख दिया। लोगों का कहना था कि चमन के घर में धमाका गैस सिलिंडर में भी हुआ है।

धौर्रा में भी बनते हैं देशी बम

एत्मादपुर के गांव धौर्रा और नगला खरगा में भी देशी बम और पटाखे बनते हैं। यहां लाइसेंस धारक कम हैं। बिना लाइसेंस खेतों में बारूद की फसल हर वर्ष दीपावली से पहले होती है। कई लोग घरों में भी आतिशबाजी बनाने का काम करते हैं। हादसों में तमाम लोग जान गंवा चुके हैं। इसके बाद भी यह क्रम जारी है। अभी तक यहां कोई सत्यापन को नहीं पहुंचा है।

टाइम लाइन

- 12.45 बजे- चमन आतिशबाज के घर में आतिशबाजी बनाते समय धमाका हुआ।

-1.00 बजे तक पटाखे जलते रहे।

- 1.05 बजे- बस्ती के लोगों ने घायलों को मलबे से बाहर निकाला। पुलिस भी पहुंच गई।

- 1.10 बजे- दमकल की गाड़ियां पहुंची।

- 2.00 बजे- आग को बुझा लिया गया। 


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