Side Effect of Weather: छींक रहा हर पांचवां व्यक्ति, एक्सपर्ट बता रहे बचाव का एक ही तरीका
Side Effect of Weather मास्क लगाने से बचाव। अति सूक्ष्म कण का स्तर बढने से एलर्जिक राइनाइटिस के केस बढे। सुबह आ रही ज्यादा छींक डाक्टर के परामर्श के बिना दवा लेना घातक। मास्क लगाने से प्रदूषण के कारण छींक आने की समस्या कम हो सकती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। हर पाचवां व्यक्ति छींक रहा है, गले में खराश के साथ ही सर्दी जुकाम हो रहा है। यह मौसम बदलने और हवा में अति सूक्ष्म कण पीएम 2 5 की मात्रा बढने से हो रहा है।
रात और सुबह ठंडक से सूक्ष्म कण निचली सतह पर रहते हैं। इससे लोगों को सुबह सुबह छींक आ रही है। ज्यादा देर तक बाहर रहने पर सर्दी जुकाम और छींक की समस्या हो रही है। ईएनटी विशेषज्ञ डा राजीव पचौरी ने बताया कि मौसम बदल रहा है। इसके साथ ही अति सूक्ष्म कण सामान्य 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से चार गुना अधिक 250 तक रिकार्ड किए जा रहे हैं। ये अति सूक्ष्म कण सांस लेने पर नाक और गले में सूजन कर रहे हैं। इससे छींक, गला खराब और सर्दी जुकाम की समस्या हो रही है। ऐसे में जो लोग मास्क लगा रहे हैं, वे इस समस्या से बच रहे हैं। घर से बाहर निकलने समय मास्क लगाने से प्रदूषण के कारण छींक आने की समस्या कम हो सकती है। मगर, डाक्टर के परामर्श के बिना दवा ना लें, यह घातक हो सकता है।
गर्म पानी का सेवन और भाप से आराम
अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर बढता जा रहा है। ऐसे में गर्मी पानी का सेवन, सुबह और शाम भाप लेने से लोगों को सर्दी जुकाम और गला खराब होने पर राहत मिल रही है।
एंटी एलर्जिक दवाओं की मांग बढी
पिछले 15 दिन में एंटी एलर्जिक दवाओं की मांग बढ गई है। सिट्रजिन, फेक्सोफिनाडिन, मोंटेलुकास्ट सहित एंटी एलर्जिक दवाओं की मांग 70 फीसद तक अधिक बढ गई है। छींक के साथ ही सर्दी जुकाम होने पर लोग मेडिकल स्टोर से दवा लेकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
एसएन ओपीडी में पांच से ज्यादा दिन के लिए मरीजों को मिलेंगी दवाएं
ह्रदय रोग, मधुमेह सहित अन्य बीमारियों से पीडित मरीज पांच दिन बाद दोबार पहुंच रहे ओपीडी
मरीजों की संख्या कम करने की कवायद, एक दिन में पुराने 10 मरीज ले सकेंगे परामर्श
जागरण संवाददाता, आगरा। एसएन मेडिकल कालेज की ट्राएज ओपीडी से मरीजों को पांच दिन के लिए दवा दी जा रही है। ऐसे में दवा लेने के लिए वे पांच दिन बाद दोबारा आ रहे हैं। इससे मरीजों की संख्या बढ रही है, इसे सीमित करने के लिए ज्यादा दिन की दवाएं देने की कवायद चल रही है।
एसएन इमरजेंसी में ट्राएज ओपीडी चल रही है। सामान्य ओपीडी बंद है। सामान्य ओपीडी दो नवंबर से शुरू करने की कवायद चल रही है। ओपीडी में सीमित मरीज देखे जाएंगे। प्राचार्य डा संजय काला ने बताया कि ओपीडी में पुराने मरीजों की संख्या अधिक होती है। इसमें से तमाम मरीज पांच दिन बाद दोबारा दवाएं लेने आते हैं। ह्रदय रोगी, मधुमेह रोगी, चर्म रोग से पीडित मरीजों को सात से 10 दिन की दवाएं देने पर विचार चल रहा है। इसके साथ ही सामान्य ओपीडी में एक दिन में पुराने 10 मरीजों को ही देखा जाएगा। जिससे नए मरीजों को परामर्श मिल सके।