Move to Jagran APP

Fire in Chemical Factory: जांच समिति ने उप नियंत्रक विस्फोटक से मांगी केमिकल फैक्ट्री के निरीक्षण की रिपोर्ट

Fire in Chemical Factory उप नियंत्रक विस्फोटक विभाग से केमिकल फैक्ट्री के पास 2022 तक का है लाइसेंस। विभाग ने कब-कब किया था फैक्ट्री का निरीक्षण टीम ने मांगी तीन साल का ब्यौरा। जांच में आएगी कइयों पर आंच।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 02:39 PM (IST)
Fire in Chemical Factory: जांच समिति ने उप नियंत्रक विस्फोटक से मांगी केमिकल फैक्ट्री के निरीक्षण की रिपोर्ट
आगरा दिल्‍ली हाईवे पर स्थित कैमिकल फैक्‍ट्री से उठते धुएं के गुबार। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। सिकंदरा हाईवे पर केमिकल और शू मैटेरियल फैक्ट्री में लगी आग की जांच कर रही जांच समिति ने साइट प्लान समेत उपलब्ध अन्य दस्तावेजों का अध्ययन किया है। जांच समिति ने उप नियंत्रक विस्फोटक से केमिकल फैक्ट्री के तीन साल के दाैरान किए गए निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट मांगी है। केमिकल फैक्ट्री के पास उप नियंत्रक विस्फोट से 2022 तक लाइसेंस है।

loksabha election banner

सिकंदरा मंडी के पास हाईवे स्थित केमिकल और शू मैटेरियल फैक्ट्री में सात सितंबर को हुए भीषण आग लग गयी थी। इसकी जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार के नेतृ़त्व में बनी समिति द्वारा की जा रही है। जांच समिति केमिकल फैक्ट्री के दिए गए नक्शे की जमीनी हकीकत का भौतिक सत्यापन कर रही है। जांच समिति को प्रथम दृष्टया फैक्ट्री परिसर में केमिकल के रख-रखाव में लापरवाही मिली थी। केमिकल से भरे ड्रम शू मैटेरियल वाले हिस्से में रखे हुए थे। जबकि इन्हें वहां नहीं रखना चाहिए था। परिसर में केमिकल से भरे चार भूमिगत टैंक भी हैं।

जांच समिति ने फैक्ट्री मालिक दीपक मनचंदा से केमिकल के कारोबार से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। मालिक का समिति से कहना था कि रिकार्ड आग में जल गया है। इस पर जांच समिति ने विस्फोटक विभाग से केमिकल फैक्ट्री का साइट प्लान मांगा था। विभाग ने 23 सितंबर को साइट प्लान समिति को उपलब्ध करा दिया। यह नक्शा केमिकल के कारोबार के दौरान विभाग को फैक्ट्री मालिक द्वारा दिया गया था। एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार ने बताया कि उप नियंत्रक विस्फाेटक से केमिकल फैक्ट्री के निरीक्षण की रिपोर्ट मांगी गयी है।

डीएम ने सात दिन में मांगी थी रिपोर्ट

केमिकल एवं शू मैटेरियल फैक्ट्री में सात सितंबर को भीषण आग लगने से दहशत फैल गयी थी। केमिकल से भरे भूमिगत टैंकों तक आग पहुंचने से रोकने के लिए फायर ब्रिगेड की दस घंटे तक जुटी रहीं थीं। हाईवे पर वाहनों को रोक दिया गया था। डीएम प्रभु एन सिंह और एसएसपी बबलू कुमार मौके पर पहुंचे थे। डीएम ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति गठित की थी। समिति को सात दिन में रिपोर्ट देनी थी। मगर, कभी फैक्ट्री मालिकों तो कभी संबंधित विभागों द्वारा दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं कराने के चलते एक महीने बाद भी जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.