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Online Classes: घर बैठे लग रहा पूरा स्कूल, बच्चों में दिखने लगे Side Effect

पूरा स्कूल लग रहा अॉनलाइन बच्चे हो रहे परेशान। सुविधा की आड़ में कई स्कूल कर रहे हैं मनमानी। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावक परेशान। विद्यार्थियों की आंखों के साथ स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही अभिभावकों पर भी अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:29 PM (IST)
Online Classes: घर बैठे लग रहा पूरा स्कूल, बच्चों में दिखने लगे Side Effect
विद्यार्थियों की आंखों के साथ स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

आगरा, संदीप शर्मा। केस वन− राजपुर चुंगी स्थित पब्लिक स्कूल में रोजाना सुबह आठ से लेकर शाम चार बजे से पूरा स्कूल ही अॉनलाइन लगाया जा रहा है। इसके बाद बच्चों पर पूरा होमवर्क करने का भी दबाव बनाया जाता है। इससे अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता सता रही है।

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केस टू− आवास विकास स्थित स्कूल में हर कक्षा की चार से पांच अॉनलाइन क्लास लग रही हैं। होमवर्क भी अॉनलाइन मिलने से बच्चों को एक से डेढ़ घंटा अतिरिक्त स्क्रीन के सामने बिताना पड़ता है। इससे अभिभावक चिंतित हैं।

दोनों मामले महज बानगी भर हैं, लेकिन कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर पढ़ाई का एकमात्र जरिया बनी अॉनलाइन कक्षाओं को भी कई स्कूलों पूरी फीस वसूली का अवसर मान लिया। अॉनलाइन कक्षाओं के नाम पर वह स्कूल में लगने वाली सभी कक्षाएं लगाने लगे, जिससे विद्यार्थियों की आंखों के साथ स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही अभिभावकों पर भी अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रहा है।

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल भले बंद हैं, लेकिन स्कूलों को तो पूरी फीस चाहिए। इसलिए उन्होंने पूरा स्कूल ही अॉनलाइन लगाने का नया तरीका निकाला है। हालांकि इसमें पढ़ाई हो रही है, लेकिन बच्चों की आंखों और लगातार अव्यवस्थित ढ़ंग से बैठने से शारीरिक दिक्कते होने लगी हैं। अभिभावकों के पास पूरी फीस चुकाने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं, क्योंकि वह फीस कटौती के लिए नहीं बोल सकते। सुबह से दोपहर तक अॉनलाइन कक्षाएं चलने से इंटरनेट डाटा की खपक बढ़ने से भी अभिभावकों पर ही अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

तय है ऑनलाइन क्लास की सीमा

सीबीएसई के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ. रामानंद चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास व स्वास्थ्य का का ध्यान रखते हुए प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए अॉनलाइन कक्षाएं रोजाना 30 मिनट से अधिक न हों। कक्षा एक से आठवीं तक के लिए रोजाना इसकी समय सीमा 30 से 45 मिनट की दो कक्षाएं हैं। जबकि नौंवी से 12वीं तक ले 30 से 45 मिनट की अधिकतम चार कक्षाओं की छूट है। ताकि स्क्रिन से आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।

यूपी बोर्ड में डिजिटल कक्षाओं पर जोर

बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान करके ही यूपी बोर्ड ने स्वयंप्रभा चैनल पर कक्षावार वीडियो लेक्चर प्रसारित करने का निर्णय लिया। हर कक्षा के दो से तीन लेक्चर ही प्रसारित किए जा रहे हैं । शनिवार और इतवार को बच्चे वॉट्सएप के माध्यम से अपनी शंकाएं कर सकते हैं।

मनमानी की करें शिकायत

संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल का कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य से कोई स्कूल खिलवाड़ नहीं कर सकता। सिर्फ पूरी फीस वसूलने के लिए यदि कोई ऐसा कर रहा है, तो अभिभावक शिकायत करें, कार्यवाही की जाएगी। 


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