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DEI के छात्र पहुंचे अधिकारियों के पास, बोले सुशांत सिंह राजपूत जैसा कुछ हो सकता है हमारे साथ

Dispute in DEI डीइआइ के छात्र बोले हो जाएगा हमारे साथ कुछ गलत तभी सोचेंगे कुछ। दयालबाग शिक्षण संस्थान के खिलाफ अधिकारियों से मांगी विद्यार्थियों ने मदद। संस्थान ने विद्यार्थियों पर लगाया कोरोना प्रोटोकॉल नियम तोड़ने का आरोप।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:53 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:53 AM (IST)
DEI के छात्र पहुंचे अधिकारियों के पास, बोले सुशांत सिंह राजपूत जैसा कुछ हो सकता है हमारे साथ
मंगलवार को विद्यार्थी अपना प्रार्थनापत्र लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उसकी जिंदगी की उथल-पुथल पर लोग चर्चा कर रहे हैं। हम में से किसी एक के साथ भी कुछ गलत होगा, तभी हमारे बारे में सोचा जाएगा। मंगलवार को न्यू आगरा थाने पहुंचे विद्यार्थियों ने यह बातें पुलिसकर्मियों के सामने कहीं। दयालबाग शिक्षण संस्थान द्वारा 87 विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम बदलने का मामला शांत नहीं हो रहा है। एक तरफ जहां विद्यार्थी हर अधिकारी से मदद की गुहार लगा रहे हैं, वहीं संस्थान विद्यार्थियों पर कोरोना प्रोटोकॉल के नियम तोड़ने के आरोप लगा रहा है।

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मंगलवार को विद्यार्थी अपना प्रार्थनापत्र लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, वहां जिलाधिकारी से मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद वे एडीएम प्रोटोकॉल पुष्पराज से मिले। एडीएम प्रोटोकॉल ने उनका प्रार्थना पत्र उच्च शिक्षाधिकारी को प्रेषित कर समस्या समाधान का आश्वासन दिया। विद्यार्थी एसएसपी बबलू कुमार के पास भी पहुंचे और मदद मांगी। एसएसपी ने विद्यार्थियों को न्यू आगरा थाने भेजा। न्यू आगरा थाने में संस्थान प्रतिनिधि के रूप में एडमिशन कमेटी से भी सदस्य पहुंचे। संस्थान प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों से कहा कि मेरिट कम थी, इसलिए पाठ्यक्रम बदला गया। विद्यार्थियों ने मेरिट लिस्ट मांगी, लेकिन संस्थान प्रतिनिधियों ने मेरिट लिस्ट देने से मना कर दिया और बिना संतोषजनक जवाब दिए लौट गए। परेशान होकर विद्यार्थियों ने यूजीसी में भी मेल से शिकायत की है।

दूसरी तरफ संस्थान ने विद्यार्थियों पर कोरोना प्रोटोकॉल के नियम तोड़ने का आरोप लगाया है। संस्थान की तरफ से मीडिया के लिए जारी पत्र में लिखा गया है कि आवेदन वाला मामला विचाराधीन है, पर प्रदर्शन करना सरकार के निर्देशों की अवहेलना करना है। संस्थान पहुंचने वाले विद्यार्थियों ने संस्थान के कर्मचारियों और शिक्षकों को भी खतरे में डाला है। अगर कोई कर्मचारी या शिक्षक संक्रमित होता है, तो उसके इलाज का खर्चा विद्यार्थियों को वहन करना होगा। शासन-प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। पूरे मामले के बाद संस्थान और छात्र आमने सामने आ  गए हैं।


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