Side Effect of CoronaVirus: आ चुके हैं कोरोना की चपेट में तो बहुत काम की है ये खबर, बरतें ये सावधानियां
Side Effect of CoronaVirus कोरोना वायरस संक्रमण से जंग जीतने वाले लोगों में रहती है कमजोरी। हो रही सांस लेने में परेशानी। संक्रमण के बाद बुजुर्गों को खतरा है ज्यादा। उचित खान पान और दिनचर्या से दूर की जा सकती है परेशानी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना के मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से उससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी है। अन्य बीमारियों की तरह ही इस बीमारी के साइड इफैक्ट भी लंबे समय तक लोगों को परेशान करते हैं। रिपोर्ट नेगेटिव आने का मतलब यह नहीं होता कि व्यकि्त पूरी तरह से स्वस्थ है। उसके बाद भी कई एहतियात बरतने की जरूरत होती है।एेसी कौन सी परेशानियां हैं और उन्हें किन तरीकों से दूर किया जा सकता है, इस बारे में एक्सपर्ट्स के सुझावों पर पूरी रिपोर्ट-
नेगेटिव का मतलब स्वस्थ नहीं
कोरोना पॉजीटिव लोगों की रिपोर्ट 11 से 12 दिन बाद नेगेटिव आ ही जाती है, पर इसका मतलब यह नहीं होता कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है।इस बारे में एसएन मेडिकल कालेज की माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डा. आरती अग्रवाल का कहना है कि किसी भी व्यकित् के ठीक होने की संभावना उसकी उम्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है।बुजुर्गों को खतरा ज्यादा है।30 की उम्र तक रिकवरी ज्यादा जल्दी होती है।25 से 35 उम्र वालों में अगर लक्षण नहीं है तो उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होती है।
रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद इन बातों का रखें ध्यान
- एक हफ्ते तक आइसोलेट ही रहना है।15 दिन बाद एंटी बॉडी बनते हैं, इसलिए इन 15 दिनों में खास एहतियात बरतने की जरूरत है।
- खान-पान पर ज्यादा ध्यान देना होगा, पौषि्टक खाने का ही सेवन करना है।
- मास्क, सामाजिक दूरी और सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखना है।
- गर्म पानी पीते रहें। सुबह-शान गरारे करते रहें।
- सुबह प्राणायाम करें, मल्टी विटामिन लेते रहें। आराम करें।
इन लोगों को है खतरा
एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के असि्सटेंट प्रोफेसर डा. अजीत चाहर बताते हैं कि डायबिटीज, हाइपरटेंशन और ह्रदय रोगियों को ज्यादा खतरा है।बुजुर्गों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है।कमजोरी महसूस होती है।इसके लिए उन्हें रेस्परेटरी एक्सरसाइज करनी चाहिए।रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी कुछ लोगों को निमोनिया की शिकायत हो रही है, इसलिए भी सांस लेने में दिक्कत होती है।अगर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
होम आइसोलेशन के बाद करें यह काम
- कमरे सभी पर्दों, चादरों और कपड़ों को गर्म पानी में डुबो कर धोएं।कपड़े धोते समय नाक और मुंह को ढककर रखें।
- सुबह के समय खिड़की खोलकर धूप को घर के अंदर आने दें क्योंकि आइसोलेशन में खिड़की-दरवाजे बंद रखने से बैक्टीरिया पनप जाते हैं।
- कमरे के फर्श, दीवारों, फर्नीचर को सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल से दो से तीन दिन तक दिन में एक बार जरूर साफ करें।
अस्पताल से घर लौटने पर-
- चिकित्सक की सलाह का पूरी तरह से पालन करें।
- समय पर दवा लें।
- घर में सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- एक हफ्ते तक किसी से भी न मिलें और आराम करें।
कोरोना से छुटकारे के बाद रह सकते हैं यह लक्षण
- घबराहट होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- भूख कम लगना, कमजोरी रहना
कोरोना के बाद एेसी होनी चाहिए डाइट-(डाइटीशियन रेणुका डंग के अनुसार)
- सुबह उठकर सबसे पहले गुनगुना नींबू पानी पीना है।
- नाश्ते में गुनगुना दूध लें। अगर दूध से दिक्कत है तो बादाम या सोया का दूध ले सकते हैं।
- एक मुट्ठी भुने हुए बादाम, अंकुरित मूंग या अंकुरित चने की चाट बना कर खाएं। सलाद भी खा सकते हैं।
- दोपहर के भोजन में रोटी, पनीर की सब्जी, अगर अंडे खाते हैं तो दो उबले अंडे, एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल, एक कटोरी मौसमी हरी सब्जी और दो रोटी।
- शाम को सूप पिएं।
- रात के खाने में एक रोटी, एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी लें। मीठे में गुड़ खा सकते हैं।