Unemployment: पंजीकरण में सिमटे रोजगार के दावे, हाथ पर हाथ धरे बैठे मजदूर
No Employment लॉकडाउन के दौरान लौटे प्रवासियों को नहीं मिल पा रहा रोजगार। आठ हजार प्रवासी मजदूरों की हुई है घर वापसी।
आगरा, राजीव शर्मा। मजदूरों की जिंदगी पटरी पर नहीं आ पा रही। लॉकडाउन के दौरान जिन प्रवासियों से रोजगार उपलब्ध कराने के दावे किए गए थे, वे भी पूरे नहीं हो सके हैं। खानापूर्ति के लिए उनके पंजीकरण की प्रक्रिया जरूर पूरी कर ली गई है।
लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जून के बीच लगभग आठ हजार प्रवासी मजदूर शहर लौटे थे। दूसरे शहरों से लौटे इन प्रवासियों को काम दिलाने के लिए इनका पूरा ब्योरा तैयार किया गया था। नाम-पते से लेकर उनकी शैक्षिक योग्यता तक दर्ज की गई थी। ताकि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासियों को उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके मगर, ये कवायद पंजीकरण तक ही सिमट कर रह गई। अधिकांश प्रवासियों को अब तक रोजगार नहीं मिला है।
फैक्ट फाइल
1102 लोगों के मनरेगा के तहत कराए गए पंजीकरण
1080 लोगों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया
197 लोगों ने जिला उद्योग केंद्र में कराया पंजीकरण
50 लोगों के कौशल विकास में कराए गए पंजीकरण
262 लोगों के क्षेत्रीय सेवा योजन कार्यालय में कराए गए पंजीकरण
मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए हमारा पंजीकरण कराया गया था। हमें अब तक एक भी दिन काम नहीं मिल सका है।
चंद्रपाल, बाह क्षेत्र निवासी
हमारा नाम-पता तो दर्ज किया गया था लेकिन रोजगार के लिए अब तक भटकना पड़ रहा है। परिवार पालना बहुत मुश्किल हो रहा है।
रनवीर, निवासी, सुताहरी
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासियों के पंजीकरण कराए गए थे। इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
जे. रीभा, सीडीओ