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CoVaxin Trail in Agra: डबल ब्लाइंड तकनीकी से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल, पढ़ें ये है पूरी प्रक्रिया

CoVaxin Trail in Agra एसएन की एथीकल कमेटी ने दी अनुमति 15 अगस्त से ट्रायल। इनएक्टिव वायरस का इस्तेमाल नहीं होगा कोई खतरा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 02:51 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 02:51 PM (IST)
CoVaxin Trail in Agra: डबल ब्लाइंड तकनीकी से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल, पढ़ें ये है पूरी प्रक्रिया
CoVaxin Trail in Agra: डबल ब्लाइंड तकनीकी से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल, पढ़ें ये है पूरी प्रक्रिया

आगरा, अजय दुबे। कोरोना की देसी वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए एसएन मेडिकल कालेज की एथीकल कमेटी ने बुधवार को अनुमति दे दी। 15अगस्त से शुरू हो रहा ये ट्रायल डबल ब्लाइंड तकनीकी से भी किया जाएगा।

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एसएन मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन का ट्रायल 18 से 50 साल की उम्र के 400 स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा। ट्रायल में शामिल वॉलंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी डोज 14 दिन बाद लगाई जाएगी। डबल ब्लाइंड तकनीकी में ट्रायल में शामिल कुछ लोगों को वैक्सीन की जगह प्लेसीबो (वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी) की डोज दी जाएगी। वैक्सीन की दो डोज लगाने के बाद साइडइफेक्ट, एलर्जिक रिएक्शन देखा जाएगा। कोरोना की एंटीबॉडीज कितनी मात्रा में और कितने समय के लिए बनी हैं? इसका रिकॉर्ड रखा जाएगा। ट्रायल में शामिल लोगों का नियमित चेकअप और जांच का रिकॉर्ड आइसीएमआर को भेजा जाएगा।

14 दिन के अंतराल पर दो डोज

वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद 14 दिन तक परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद कोविड टेस्ट कराया जाएगा। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर दूसरी डोज दी जाएगी। 14 दिन बाद दोबारा कोविड टेस्ट होगा। एंटीबॉडी की जांच की जाएगी। कोरोना वायरस में तीन तरह के प्रोटीन हैं। 'एम' प्रोटीन शरीर के अंदर पहुंच जाता है। यह वायरस एंटीबॉडी विकसित होने पर मरता है।

नहीं होगा कोई खतरा

कोरोना की देसी वैक्सीन में इनएक्टिव वायरस का इस्तेमाल किया गया है। वैक्सीन को लगाने के बाद कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं है। जिन लोगों पर ट्रायल होगा, वे अपने घर पर ही रहेंगे।

ये लोग ट्रायल में हो सकते हैं शामिल

-18 से 50 साल के लोग, जिन्हें कोई बीमारी नहीं है

-कोरोना पॉजिटिव नहीं हुए हैं

-जांच में पूरी तरह से स्वस्थ होने चाहिए

यहां करेंं संपर्क

वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए इच्छुक लोग एसएन के मेडिसिन विभाग और प्राचार्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

परीक्षण विधि का डाक्यूमेंटेशन तैयार होगा

एसएन में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 15 अगस्त से शुरू हो सकता है, कॉलेज की एथीकल कमेटी ने बुधवार को ट्रायल करने की अनुमति दे दी। परीक्षण की विधि का डाक्यूमेंटेशन तैयार किया जाएगा। विधि संबंधी परामर्श भी लिए जाएंगे। परीक्षण की तैयारी और प्रोटोकाल के अध्ययन का जिम्मा हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डा. सीपी पाल को सौंपा गया है।

दो आयु वर्ग, वैक्सीन भी होगी अलग

कोरोना की देसी वैक्सीन दो तरह की है। 18 से 55 साल के लोगों में यह वैक्सीन मीजल्स रूबेला (एमआर खसरा) की वैक्सीन के साथ लगाई जाएगी। जबकि 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में वैक्सीन बीसीजी (टीबी) की वैक्सीन के साथ लगाई जाएगी।

यह ट्रायल करीब एक साल तक चलेगा। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। कोरोना का अभी कोई इलाज नहीं है, ऐसे में ट्रायल सफल होने पर लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी।

डॉ बलबीर सिंह, प्रिंसीपल इनवेस्टिगेटर, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज  


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