ताजनगरी में सफाई कर्मचारियों से दोगुनी गाड़ियां, अफसरों ने आंख मूंद कर बर्बाद किए पैसे
पार्षदों ने लगाए आरोप अगले माह होने जा रहे सदन में उठाया जाएगा मामला।
आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम के अफसरों ने बिना जरूरत के कूड़ा गाड़ियों की खरीद कर ली। दो तरीके से खरीदी गई गाड़ियां अब वार्ड कार्यालय और आइडीएच में पड़ी हुई हैं। यहां तक जितने सफाई कर्मचारी हैं। उससे दोगुनी गाड़ियां हैं। पार्षदों ने पैसे की बर्बादी और कमीशनखोरी के चलते गाड़ियों की खरीद के आरोप लगाए हैं। अगले माह होने जा रहे सदन में इसे उठाया जाएगा। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मेयर नवीन जैन से की गई है। नगर निगम में सौ वार्ड हैं। कर्मचारियों की संख्या 4900 के आसपास है। कई वार्ड में 30 तो कुछ में 50 से 60 सफाई कर्मचारी हैं। पार्षद रवि माथुर ने बताया कि सबसे पहले 1500 कूड़ा गाड़ियां खरीदी गईं फिर जालीदार रिक्शे की खरीद हुई। इनकी संख्या इतनी अधिक है कि निगम के कार्यालयों में खड़े करने के लिए जगत तक कम पड़ रही है। वहीं चार पहिया कूड़ा के बड़े वाहन भी शामिल हैं। यह छोटा हाथी के नाम से जाने जाते हैं। पार्षद राकेश जैन का कहना है कि पूरे मामले को सदन में उठाया जाएगा।
- छत्ता साउथ में 79 सफाई कर्मचारी हैं जिसमें 12 महिलाएं हैं। यहां हाथ ठेल और जालीदार कूड़ा गाड़ियों की संख्या चालीस, तिपाहिया रिक्शे 30, टैंपो दो, ट्रैक्टर एक प्रमुख रूप से शामिल हैं। वार्ड में कुल 114 सफाई कर्मचारियों की जरूरत है।
- छत्ता नार्थ में 106 में सफाई कर्मचारी हैं जिसमें 26 महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं से सिर्फ झाड़ू लगवाया जाता है। जरूरत के हिसाब से 166 कर्मचारी चाहिए। क्योंिक वार्ड में 20 हाथ ठेला गाड़ी, तीस जालीदार रिक्शे, 45 तिपाहिया रिक्शे, तीन ट्रैक्टर प्रमुख रूप से शामिल है।
- कोतवाली वार्ड में 142 कर्मचारी हैं जिसमें 63 महिलाएं शामिल हैं। इस वार्ड में कुल 267 कर्मचारियों की जरूरत है। क्योंकि 60 ठकेल, 40 जालीदार रिक्शा, 60 तिपाहिया रिक्शा हैं।
आरएएफ टैग हुए खराब, कई टूटे
पार्षदों का कहना है कि आगरा स्मार्ट सिटी के तहत आरएएफ टैग मकानेां में लगाए गए थे। सौ वार्ड में 3.20 लाख भवन हैं। अब तक दो लाख के करीब टैग लगाए जा चुके हैं। इन्हें ठीक से नहीं लगाया गया। इससे यह टूट गए हैं। टैग को दीवार पर ठीक सेनहीं लगाया गया।
13 करोड़ के डस्टबिन फांक रहे धूल
नगर निगम ने बिना प्लानिंग के 13 करोड़ रुपये से दो लाख के करीब डस्टबिन की खरीद की थी। नियम के अनुसार मुफ्त डस्टबिन उन्हें ही दिया जा सकता है। जिनका पूरा हाउस टैक्स जमा है। पिछले वित्तीय साल में ऐसे भवन स्वामियों की संख्या 47 हजार के आसपास ही थी। हाल यह है कि वार्ड कार्यालयों और आइडीएच में डस्टबिन धूल फांक रहे हैं।
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के नाम पर रस्म अदायगी
पार्षदों का कहना है कि कई वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के नाम पर रस्म अदायगी की जा रही है। जिस तरीके से कलेक्शन होना चाहिए। वह नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रिक्त पदों पर हों भर्तियां
नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में रिक्त पदों पर भर्तियां होनी चाहिए। पार्षदों का कहना है कि रिक्त पदों पर भर्तियां होने से सफाई व्यवस्था में और भी सुधार आएगा। साथ ही जितनी कूड़ा गाड़ियों की खरीद की गई है। तभी उसका भरपूर फायदा मिल सकेगा।
सफाई कर्मचारियों और सेनेटरी इंस्पेक्टर में ठनी
वार्ड 36 में हड़ताली सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने नगरायुक्त निखिल टीकाराम से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें सेनेटरी इंस्पेक्टर नेहा विष्ट पर उत्पीड़न के आरोप लगाए। राष्ट्रीय सफाई मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष गौरव वाल्मीकि ने कहा कि सेनेटरी इंस्पेक्टर द्वारा मनमाने तरीके से तबादले किए जा रहे हैं। ज्ञापन देने वालों में रामजी लाल विद्यार्थी, राकेश चौधरी शामिल रहे। उधर, सेनेटरी इंस्पेक्टर नेहा ने नगरायुक्त से मुलाकात कर लापरवाह कर्मचारियों की जानकारी दी। साथ ही कार्रवाई की भी मांग की। नगरायुक्त निखिल टीकाराम ने बताया कि जल्द ही इस मामले में ठोस कदम उठाया जाएगा।