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Black Spot: ट्रांसपाेर्ट नगर कट पर 24 घंटे में गई थीं 12 लोगों की जान, हाईवे को बना दिया मजाक

Black Spot पांच मार्च 2017 को इनोवा गाड़ी और कार की भिड़ंत में पांच लोगों की मौत। छह मार्च को बेकाबू ट्रक ने सात लोगों को दिया था रौंद।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 12:19 PM (IST)
Black Spot: ट्रांसपाेर्ट नगर कट पर 24 घंटे में गई थीं 12 लोगों की जान, हाईवे को बना दिया मजाक
Black Spot: ट्रांसपाेर्ट नगर कट पर 24 घंटे में गई थीं 12 लोगों की जान, हाईवे को बना दिया मजाक

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा दिल्‍ली हाईवे पर तीन साल पहले भी 24 घंटे के दौरान दो भीषण हादसों में 12 लोगों की जान चली गयी थी।पहला हादसा पांच मार्च 2017 को ट्रांसपोर्ट नगर के सामने हाईवे पर हुआ था। सिकंदरा की अोर से आती बेकाबू इनोवा कार डिवाइडर को तोड़कर सड़क के दूसरी ओर चली गयी थी। सामने से आती कार में टक्कर मार दी थी। इस भीषण हादसे में कार सवार चार लोगों समेत पांच की मौत हो गयी थी। वहीं अगले दिन कुछ मीटर दूर आइएसबीटी कट के पास कोरियर कंपनी के कंटनेर डग्गेमार बसों को बचाने की कोशिश में अनियंत्रित हो गया। उसने सड़क किनारे खड़े़ पांच ऑटो को रौंद दिया था। जिसमें सात लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं आठ साल पहले एमजी रोड पर एलआइसी बिल्डिंग के फुटपाथ पर सोते लोगों को बेकाबू ट्रक ने रौंद दिया था। इसमें चार लोगों की मौत हो गयी थी।

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प्रशासन ने नहीं ली सुध

टीपी नगर और आइएसबीटी मोड़ पर लगातार हादसे होने के बाद भी प्रशासन ने सुध नहीं ली है। आइएसबीटी पर फ्लाई ओवर बनना प्रस्‍तावित है। इसके लिए होली से पहले ही कार्यदायी संस्‍था ने आगरा-दिल्‍ली हाईवे पर ब्‍लॉक भी ले लिया। होली पर कंपनी की लेबर छुट्टी चली गई और उसके बाद लॉकडाउन शुरू हो गया। जिस दिन से कंपनी ने ब्‍लॉक लेकर हाईवे पर ट्रैफिक बाध्‍ाित कर दिया, उस दिन से यहां काम के नाम पर एक ईंट भी नहीं रखी गई। बस एक बड़ी खोदाई मशीन रखकर हाईवे पर आवागमन को जरूर प्रभावित कर दिया गया है। लॉकडाउन की अवधि में जब ट्रैफिक न के बराबर था, उस समय यहां दिन-रात तेजी से काम कराया जा सकता था। लेकिन न एनएचएआइ ने सुध ली और न स्‍थानीय प्रशासन ने। लॉकडाउन खत्‍म हो चुका है, उसके बावजूद यहां अब तक काम नहीं शुरू हुआ है। नियमानुसार तो चार महीने यूं ही हाईवे को घेरे रहने पर कंपनी पर मोटा जुर्माना थोपा जाना चाहिए।

आगरा में हुए बड़े हादसे

-8 जुलाई 2019:यमुना एक्सप्रेस वे पर एत्मादपुर इलाके में सवारियों से भरी बस पुल से गिरी, 29 लोगों की मौत।

-19 अक्टूबर 2019: खंदौली में हाथरस रोड पर तेज रफ्तार कार ट्रक में पीछे से घुसी,चार की मौत

-जून 2018:मेटाडोर ने ई-रिक्शा में टक्कर मारी, हादसे में छह लोगों की मौत।

-29 मार्च: सिकंदरा फैक्ट्री एरिया में तेज रफ़्तार बेकाबू कार नाले में समाई,चार की लोगों की मौत

-10 अप्रैल 2018: खेरागढ़ थाना क्षेत्र में जगनेर रोड पर जीप अौर डंपर की टक्कर में सात लोगों की मौत्।

डेढ़ साल में 820 लोगों की मौत

जिले में एक जनवरी 2019 से 15 जून 2020 के दौरान कुल 1476 सड़क दु्र्घटना हुईं। इनमें 820 लोगो की जान गयी। इनमें 107 भीषण हादसे हुए, जिसमें 107 महिलाओं और 713 पुरुषों की जान गयी। इन हादसों में 52 महिलाएं और 258 पुरुष घायल हुए। वहीं सामान्य सड़क हादसों की संख्या 775 है। जिसमें 127 महिलाएं और 768 पुरुष घायल हुए।

हाईव के ब्लैक स्पॉट

-कीठम मोड़, अरसेना गांव का मोड़, शेरजंग दरगाह कट, अरतौनी पर बना अवैध कट, सिकंदरा बाईंपुर मोड़, गुरु का ताल गुरुद्वारा मोड़, आइएसबीटी कट, टीपी नगर कट, भगवान टॉकीज ओवर ब्रिज पर हीरा टॉकीज के सामने, अबू उलाह दरगाह मोड़, ट्रांस यमुना में गोयल अस्पताल कट, मंडी समिति, झरना नाला और कुबेरपुर कट।

स्टेट हाईवे पर ब्लैक स्पाॅट

रामबाग चौराहा, हाथरस रोड पर मछली वाली पुलिया, टेड़ी बगिया चौराहा, जलेसर रोड पर मुडी चौराहा, पोइया चौराहा, खंदौली चौराहा।

इनर रिंग रोड पर ब्लैक स्पॉट

बिचपुरी-बोदला रोड, मारूति एस्टेट चौराहा, रामनगर की पुलिया, शंकरगढ़ पुलिया। 


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