Panic Alarm: बंदियों को आपात स्थिति में मिल सकेगी अब तुरंत मदद, प्रदेश में पहली बार हुई पहल
Panic Alarm जिला जेल में आपात स्थिति में मदद को पैनिक अलार्म बजा सकेंगे बंदी। जैमर लगा होने पर भी करेगा काम डीआइजी कारागार ने किया उदघाटन।
आगरा, जागरण संवाददाता। आपात स्थिति में बंदियों की मदद के लिए बैरकों में पैनिक अलार्म लगाने वाली जिला कारागार प्रदेश की पहली जेल बन गयी है। किसी बंदी की अचानक हालत बिगड़ने या झगड़ा आदि होने की स्थिति में बंदी इस अलार्म को बजाकर तत्काल मदद की गुहार लगा सकेंगे। बुधवार को डीआइजी कारागार लव कुमार ने जिला जेल में लगाए गए अलार्म का शुभारंभ किया।
आपात स्थिति में बंदियों को वहां तैनात स्टाफ से मदद की गुहार लगाने के लिए शोर मचाना पड़ता था। जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा दशको पुरानी व्यवस्था को बदलने की दिशा मेें प्रयास कर रहे थे। इससे कि बंदियों को समय पर मदद मिल सके। जेल अधीक्षक ने बताया परंपरागत व्यवस्था को बदलने के लिए उन्होने पैनिक अलार्म लगाने का फैसला किया। जिला जेल में वायरलेस पैनिक अलार्म सिस्टम लगाया गया है। इसे बेंगलुरू की कंपनी फार्बिक्स सेमिकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है। इस अलार्म सिस्टम के लगने के बाद दस मिनट के अंदर बंदियों तक मदद पहुंच जाएगी। किसी बंदी की तबियत खराब हो या अन्य कोई परेशानी तब यह अलार्म उन तक मदद पहुंचाने का माध्यम बनेगा।
शशिकांत मिश्रा ने बताया पैनिक अलार्म सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है। जो न ही हैक किया जा सकता है और ना ही जैम होगा। यह मोबाइल जैमर एक्टिव होने पर भी काम करेगा। इसे बैरकों के ऊपर 20 ट्रांसमीटर फिक्स करके 32 वायरलेस बटन बैरकों के अंदर लगाए गए हैं। इनका उपयोग बंदी किसी भी आपात स्थिति जैसे बीमारी, मारपीट आदि परिस्थिति में कर सकते हैं। इससे मुख्य द्वारा पर तैनात स्टाफ उनको तत्काल मदद को पहुंच सकेगा। बुधवार को डीआइजी कारागार लव कुमार ने पैनिक अलार्म सिस्टम का उदघाटन किया। पैनिक अलार्म सिस्टम को गिरिराज किशोर बंसल, इंद्रा बंसल के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस दौरान जेलर संजीव सिंह, राजेश सिह के अलावा समाजसेवी अंकित बंसल आदि मौजूद रहे।