Vocal for Local: निराश्रित महिलाओं के डिजाइनर मास्क को मिलेगा Digital आश्रय
Vocal for Local आश्रय सदन की माताएं तैयार कर रही हैं डिजाइनर मास्क। शापिंग साइट्स के जरिए दुनियाभर में पहुंचेंगे मास्क माताओं को मिलेगा लाभ।
आगरा, विनीत मिश्र। ये वह माताएं हैं, जो विधवा हैं। जब अपना कोई नहीं था, तो कान्हा की नगरी में ठौर ढूंढ लिया। वर्षों से आश्रय सदन में जिंदगी कट रही है। 70 की उम्र के आसपास पहुंचीं ये माताएं कान्हा के प्रिय मोर पंख को मास्क पर सजा रही हैं। इनके बनाए डिजाइनर मास्क को अब ऑनलाइन बाजार मिलेगा।
वृंदावन स्थित मां शारदा आश्रय सदन में रह रही माताएं इन दिनों मास्क बनाने में व्यस्त हैं। लॉकडाउन शुरू होते ही 26 मार्च से इन्होंने मास्क बनाने शुरू किए। वृंदावन के चार आश्रय सदन की 25 महिलाओं ने सदन में ही मास्क बनाना सीखा। करीब पांच हजार मास्क लोगों को निश्शुल्क बांटे गए। अब यही महिलाएं डिजाइनर मास्क भी तैयार कर रही हैं। मोर पंख और अन्य डिजाइन के ङ्क्षप्रटेड मास्क बनाए जा रहे हैं। अब इन्हें बेचने के लिए सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल ऑनलाइन प्लेटफार्म मुहैया करा रही है। जल्द ही ये मास्क ऑनलाइन बिकेंगे। दो दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पर ये मास्क लांच किए गए। पश्चिम बंगाल की रहने वाली कल्याणी पाल 14 बरस से आश्रय सदन में रह रही हैं। असोम की छवि शर्मा की उम्र करीब 70 बरस है। छह साल से यहां रहती हैं। कहती हैं कि आश्रय सदन में ही सिलाई सीखी। पहले ठाकुर जी के कपड़े सिलती थीं। अब प्रशिक्षण लेकर मास्क बनाने लगीं। रोज 60 से 70 मास्क तैयार कर लेती हूं। इसके लिए कच्चा माल सुलभ इंटरनेशनल मुहैया करा रहा है। बेचने से होने वाले लाभ की राशि मास्क बनाने वाली 25 माताओं के खाते में भेजी जाएगी। अभी तक इन माताओं को सरकार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन मिल जाती है।
माताएं डिजाइनर मास्क बना रही हैं। इनको ऑनलाइन बाजार के लिए विभिन्न शॉङ्क्षपग साइट्स पर मुहैया कराया जाएगा। एक कीमत निर्धारित होने के बाद मास्क की बिक्री की जाएगी। दुनियाभर के लोग सुलभ से जुड़े हैं। ऐसे में डिजाइनर मास्क दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंचेंगे। लागत निकालने के बाद जो भी लाभ होगा, वह इन माताओं में वितरित किया जाएगा।
-विनीता वर्मा,उपाध्यक्ष, सुलभ इंटरनेशनल।