Cyber Crime in Lockdown 5: अब निशाने पर आए मंदिर के महंत, ऐसे पार हुई खाते से मोटी रकम
Cyber Crime in Lockdown 5 जामताड़ा के साइबर गैंग ने मथुरा के महंत के खाते से निकाले थे 24 लाख। फेसबुक के फोटो से फर्जी आइडी बना दूसरी सिम लेकर बैंक खाते से जुड़ा नंबर था बदला।
आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा के महंत के खाते से 24 लाख रुपये झारखंड के जामताड़ा के साइबर गैंग ने निकाली थी। मामले की जांच कर रही आइजी रेंज की साइबर सेल ने गैंग के बारे में जानकारी जुटाने के बाद वहां देवघर जिले की साइबर सेल को इसकी जानकारी दी। इसके आधार पर वहां की साइबर सेल ने एक दर्जन से ज्यादा शातिरो को गिरफ्तार किया है। इनमें वह तीन साइबर शातिर भी शामिल हैं जिन्होंने कारोबारी के खाते से रकम निकाली थी।
आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने बताया कि मथुरा के वृंदावन निवासी कमल गोस्वामी ने थाने में अपने बैंक के खाते से 24 लाख रुपये निकाले जाने की शिकायत की थी। यह रकम नेट बैंकिंग से निकाली गयी थी। जबकि उन्होंने कभी नेट बैंकिंग नहीं की थी। इस पर आइजी रेंज ने साइबर सेल के इंस्पेक्टर शैलेश कुमार सिंह और विशाल शर्मा को मामला सौंपा। जांच में पता चला कि अप्रैल में कमल गोस्वामी के मोबाइल पर एक एसएमएस आया था। इसे सिम स्वैप सॉफ्टवेयर से भेजा गया था। जिसमें नंबर जारी रखने के लिए उसे अपग्रेड करने की कहा था। कमल गोस्वामी ने सिम के पीछे लिखे 21 डिजिट का नंबर मैसेज कर दिया। इसके बाद शातिरों ने फेसबुक से उनकी फोटो कापी करके फर्जी आईडी बनाई।
इसके बाद साइबर शातिरों ने मोबाइल कंपनी में प्रार्थना पत्र देकर उसी नंबर की दूसरा सिमकार्ड ले लिया। इससे नेट बैंकिंग के लिए ऑन लाइन रिक्वेस्ट भेजी। कमल गोस्वामी के खाते में नेट बैंकिंग शुरू हो गई। जो नंबर एसएमएस अलर्ट से जुड़ा था उस पर ओटीपी आ गया। गैंग ने कमल गोस्वामी की फर्जी आईडी से एक और सिम ली। इसे बैंक की एसएमएस अलर्ट सेवा में जुड़वा दिया। शातिरों ने पहले वाला नंबर हटवा दिया। इस सारे खेल से अनभिज्ञ कमल गोस्वामी मोबाइल नहीं चलने पर परेशान हो गए। उन्होंने कस्टूमर केयर पर फोन किया तो जानकारी मिली कि उनका नंबर चालू है। वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि खाते से 24 लाख रुपये निकल गए हैं।
साइबर टीम को चकमा देने के लिए इस तरह बुना था जाल
आइजी रेंज की साइबर सेल प्रभारी शैलेश कुमार और विशाल शर्मा ने बताया कि गैंग ने चकमा देने के लिए पूरा जाल बुना था। उन्होंने नेट बैंकिंग के जरिए रकम पहले वॉलेट में ट्रांसफर की। वॉलेट से पश्चिमी बंगाल के सिलीगुड़ी और वर्धमान जिलों के बैंक खातों में भेजी गई। वहां से नेट बैंकिंग के द्वारा यह रकम दोबारा झारखंड के देवघर जिले के विभिन्न खातों में ट्रांसफर की गयी। पीड़ित कमल गोस्वामी ने बैंक पर दबाव बनाया तो उसने भी एक मुकदमा देवघर में दर्ज कराया। रेंज साइबर सेल ने देवघर में डिप्टी एसपी नेहा वाल से संपर्क किया। उन्हें केस से अवगत कराके साइबर गैंग के बारे में जुटाई जानकारी दी। नेहा वाल ने वहां एक दर्जन से ज्यादा साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया। रेंज साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि देवघर में गिरफ्तार आरोपियों में नैमुल हक, अनवर और निजामुद्दीन मुख्य आरोपित हैं। यह सभी साइबर क्राइम के गढ़ जामताड़ा के रहने वाले हैं।