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CoronaVirus: संकट में अच्‍छी खबर, पहले चरण में सफल रहे होम्योपैथिक दवाओं केे परिणाम

22 मरीजों पर किए ट्रायल में सभी पांच से सात दिन में हुए नेगेटिव। अब मरीज न मिलने सेे हो रही निराशा तीन महीने चलेगा ट्रायल।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 11:27 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 11:27 AM (IST)
CoronaVirus: संकट में अच्‍छी खबर, पहले चरण में सफल रहे होम्योपैथिक दवाओं केे परिणाम
CoronaVirus: संकट में अच्‍छी खबर, पहले चरण में सफल रहे होम्योपैथिक दवाओं केे परिणाम

आगरा, जागरण संवाददाता। वैश्विक स्तर पर लाइलाज कोविड-19 से लड़ने में होम्योपैथिक दवाओं के नतीजे शानदार हैं। आगरा में चल रहे इसके क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण में होम्योपैैथिक दवाओं से कोरोना मरीज सिर्फ पांच से सात दिन में पॉजिटिव से नेगेटिव होकर ठीक हो चुके हैं। पहले चरण में शामिल हुए 22 मरीजों पर ट्रायल शत- प्रतिशत सफल रहा।

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नेमिनाथ होम्योपैथिक हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के चिकित्सकों ने टूंडला स्थित एफएच हॉस्पिटल में भर्ती 44 मरीजों पर पहले चरण का अपना यह क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया, जिसकी शुरूआत पांच अप्रैल को हुई थी। नेमिनाथ होम्योपैथिक हॉस्पिटल के संस्थापक और प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि 15 दिन के क्लीनिकल ट्रायल में एलोपैथिक दवाओं से कोविड-19 मरीजों के लक्षण खत्म होने में आठ से 10 दिन लगे, वहीं सात से नौ दिन उनके शरीर में कमजोरी महसूस हुई। वहीं नेगेटिव व ठीक होने में उन्हें चार से छह हफ्ते तक लगे। जबकि होम्योपैथिक दवाओं ने चमत्कारिक असर दिखाया है। इलाज शुरू होने के दो से तीन दिन में ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लक्षण खत्म होना शुरू हो गए, पांंच से सात दिन में ही वह नेगेटिव भी हो गए। दावे पर विवाद से बचने के लिए उन्होंने बकायदा सैफई मेडिकल कॉलेज से सभी कोरोना मरीजों का दो-दो बार कोरोना टेस्ट भी कराया, जिसमें दोनों बार वह नेगेटिव पाए गए।

15 दिन में पहला चरण पूरा

डॉ. गुप्ता का कहना है कि पांच मई को उनका ट्रायल शुरू हुआ, 10 मई तक मरीजों के लक्षण खत्म होना और उनके ठीक होने की शुरूआत हो गई। 12-13 मई को उनके टेस्ट कराए गए और 15 मई तक रिजल्ट नेगेटिव आ गए। इसके बाद उन्हें सिर्फ दो मरीज और दिए गए। वह भी ठीक हो चुके हैं। इसके बाद 15 मई से वह हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। अन्य मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को पत्र, फोन और ई-मेल भी किया, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उन्होंने पीएम और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र लिखकर कोरोना मरीजों का निश्शुल्क इलाज करने की पेशकश की है। साथ वह महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात आदि राज्यों के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इलाज में मदद के लिए बोल चुके हैं।

इलाज सफल ही मेरी पूंजी

डॉ. गुप्ता का कहना है कि इलाज में ब्रायनिया और आर्सेनिक दवाएं ही कारगार रही हैं, जिनमें ब्रायनिया सबसे प्रभावी है। इस इलाज के सफल होने पर वह कोई इंटेलेक्च्युअल प्रोपर्टी राइट नहीं चाहतेे। वह निश्शुल्क दवा देने और अन्य होम्योपैथिक चिकित्सकों से इलाज विधि साझा करने को भी तैयार हैं, ताकि इलाज सस्ता व सुलभ हो और होम्योपैथी को उसका सही दर्जा मिल सके। फिर भी उन्हें मरीज उपलब्ध न कराया जाना निराश कर रहा है। वह चाहते हैं कि आगरा और फीरोजाबाद प्रशासन उन्हें एफएच मेडिकल कॉलेज में ही मरीज उपलब्ध कराएं, क्योंकि वहीं इलाज करने की उनके पास अनुमति हैं। बाकि प्रशासन की अनुमति से वह एसएन मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों का इलाज करने को तैयार हैं। 


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