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Lockdown 4: महामारी में लापरवाही, स्‍वजन करते रहे इंतजार और लावारिस में कर दिया अंतिम संस्कार

चारसू गेट के वृद्ध काे सांस लेने में दिक्कत पर जिला अस्पताल में कराया था भर्ती। कोरोनो रिपोर्ट आयी थी निगेटिवफिर भी अंतिम संस्कार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 12:18 PM (IST)
Lockdown 4: महामारी में लापरवाही, स्‍वजन करते रहे इंतजार और लावारिस में कर दिया अंतिम संस्कार
Lockdown 4: महामारी में लापरवाही, स्‍वजन करते रहे इंतजार और लावारिस में कर दिया अंतिम संस्कार

आगरा, जागरण संवाददाता। महामारी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है।जुकाम-बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए वृद्ध का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया। वृद्ध की कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद स्वजनों को शव सौंपना तो दूर मौत की जानकरी तक नही दी। शव को लावारिस में फूंक दिया। चार दिन से भटकते स्वजनों को इसका पता चला तो उनमें आक्रोश फैल गया। उन्होंने डीएम से शिकायत के साथ ही रकाबगंज थाने में तहरीर दी है।

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हरीपर्वत के चारसू गेट निवासी मुन्नालाल (65 वर्ष) को खांसी और जुकाम- बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत थी। इस पर स्वजन उन्हें 25 अप्रैल को जिला अस्पताल में दिखाने ले गए। भतीजे सोनू के अनुसार अस्पताल के स्टाफ ने चाचा को कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते भर्ती कराने की कहा। इसके बाद मुन्नालाल का कोरोना टेस्ट कराने के लिए उनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया। उन्हें सिकंदरा स्थित अस्पताल में भर्ती कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ले गई।

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम ने फाेन करके स्वजनों से जानकारी ली। विभाग ने उन्हें चाचा के बारे में कुछ नहीं बताया। वह चार दिन बाद वह अस्पताल गया, वहां भी भर्ती होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। कंट्रोल रूम में भी शिकायत की, वहां से कहा गया कि वापस आ जाएंगे। कुछ दिन बाद मोहल्ले का एक युवक क्वारंटीन सेंटर से लौटा तो लगा कि अब चाचा भी आएंगे।

सोनू के अनुसार वह दो दिन से जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा था। सोमवार को उससे कहा कि एसएन में पता करो। वहां जानकारी करने पर स्टाफ ने बताया कि मुन्नालाल को गंभीर हालत में 28 अप्रैल को यहां भर्ती कराया गया था। उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव था। अब कहां हैं पता नहीं।

स्टाफ ने उनसे बाद में पोस्टमार्टम गृह पर पता करने के लिए बोल दिया। सोनू के अनुसार वह मोर्चरी पर गया तो सिपाही ने एक शव की फोटो दिखाई। जो चाचा मुन्नालाल की थी। पुलिस ने उनका लावारिस में अंतिम संस्कार करा दिया था। उनकी मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। सोनू ने मंगलवार को डीएम कार्यालय और रकाबगंज थाने में शिकायत की है।

लापरवाही का पहला नहीं, मोर्चरी पर बदल गया था शव

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। पिछले सप्ताह मोर्चरी पर कोरोना पॉजीटिव की जगह किसी और का शव उसके स्वजनाें को देकर अंतिम संस्कार करा दिया था। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जिसका अंतिम संस्कार किया गया वह निगेटिव था। परिवार के लोग उसे दफन करने के लिए कब्र खोदकर शव मिलने का इंतजार करते रह गए। मामले में जांच की बात कही गयी लेकिन अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।

यह गंभीर मामला है, इसकी जांच कराई जाएगी। जिला अस्पताल और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जा रही है।

डाॅ. आरसी पांडेय मुख्य चिकित्सा अधिकारी 


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