TrumpVisitIndia: ट्रंप पर हुस्न न्योछावर को ताज भी है बेताब Agra News
मडपैक ट्रीटमेंट से दमकने लगा स्मारक का सौंदर्य। महकेगी रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू धार से डांस करेंगे फव्वारे।
आगरा, जागरण संवाददाता। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगर दुनिया के सातवें अजूबे का दीदार करने को बेकरार हैं तो प्यार की प्रतिकृति ताजमहल भी ट्रंप पर अपने हुस्न की न्योछावर करने को बेताब है। ताजमहल का ये उतावलापन यूं ही नहीं है। मेहमान आने की खबर मिलते ही इसकी खूबसूरती निखारने में दिनरात एक कर दिया गया है।
वैसे तो ताजमहल अपनी सुंदरता के लिए दुनिया भर को दीवाना बनाए हुए हैं मगर, डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार के लिए यहां विशेष इंतजाम किए गए हैं। लंबे समय से ताज को निहारते आ रहे लोग कहते हैं कि ताज का ये हुस्न पहले कभी नहीं देखा। मुख्य गुंबद को छोड़ दिया जाए तो मडपैक ट्रीटमेंट से ताजमहल बेहद खूबसूरत लग रहा है। पूरा स्मारक चमक और दमक रहा है। रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू मदमस्त कर रही है। ट्रायल के दौरान फव्वारे की धार मानो मेहमान के स्वागत में खुशी में थिरक रही थीं।
आम पर्यटकों के लिए जो बंदिशें हैं, टं्रप फैमिली को इसका आभास भी नहीं होने दिया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विजिट को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने स्मारक में कई व्यवस्थाएं की हैं। फोरकोर्ट तक गोल्फ कार्ट से आने के बाद ट्रंप रॉयल गेट पार कर वीडियो प्लेटफार्म पर पहुंचेंगे। पहले यहां पर रेलिंग लगाई गई थी। वीडियो प्लेटफार्म से उतरकर आम पर्यटक सीधे वाटर चैनल में चले जाते थे, कभी-कभी पर्यटक सीढिय़ों से गिर भी गए। एएसआइ ने इस स्थिति को रोकने के लिए प्लेटफार्म पर रेलिंग लगा दी थी। ट्रंप के लिए ताज की दृश्यता प्रभावित न हो, इसलिए ये रेलिंग हटा दी जाएगी।
एएसआइ ने वीडियो प्लेटफार्म से उद्यान तक जाने वाली सीढिय़ों पर गमलों में सुंदर फूल लगवा दिए हैं। पूर्व में भी यहां रखे गमलों में खिले फूल ताजमहल की सुंदरता में चार चांद लगाते थे। रेलिंग लगाने के बाद यहां से गमले हट गए थे।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ट्रंप वाटर चैनल के बराबर में बने पाथवे पर होते हुए सेंट्रल टैंक और मुख्य मकबरे तक जाएंगे। वर्तमान में वाटर चैनल के बाईं व दायीं तरफ बने पाथवे पर आम पर्यटकों का चलना प्रतिबंधित है।
चलता रहा साइंटिफिक क्लीनिंग का काम
एएसआइ की रसायन शाखा रविवार को भी स्मारक में साइंटिफिक क्लीनिंग में जुटी रही। फोरकोर्ट में गोशाला व सीआइएसएफ के कक्षों की तरफ गलियारे के छज्जे के पत्थरों पर लगी काई को रविवार को साफ किया गया।