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TrumpVisitIndia: राष्ट्रपति ट्रंप के लिए खोली जा सकती हैं शाहजहां-मुमताज की असली कब्रें

तहखाने में हैं शाहजहां व मुमताज की असली कब्रें। वर्ष 1996 में सुरक्षा की दृष्टि से कर दिया था बंद। पूर्व में भी राष्‍ट्राध्‍यक्षों के लिए खोला जा चुका है इन्‍हें।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:59 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 08:18 AM (IST)
TrumpVisitIndia: राष्ट्रपति ट्रंप के लिए खोली जा सकती हैं शाहजहां-मुमताज की असली कब्रें
TrumpVisitIndia: राष्ट्रपति ट्रंप के लिए खोली जा सकती हैं शाहजहां-मुमताज की असली कब्रें

आगरा, निर्लोष कुमार। ताज के दीदार को आने वाले राष्ट्राध्यक्षों के लिए ताज का बंद तहखाना खुलता रहा है। इसमें शहंशाह शाहजहां व मुमताज की असली कब्रें हैं। वर्ष 1996 में इसे भीड़ व सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा बंद कर दिया गया था। वर्ष 2007 में स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति के लिए इन्हें खोला गया था।

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ताजमहल में मुख्य मकबरे में शहंशाह शाहजहां व मुमताज की जो कब्रें संगमरमरी परकोटे में हैं, वो असली नहीं हैं। असली कब्रें नीचे तहखाना में हैं। इन कब्रों को केवल शहंशाह शाहजहां के तीन दिवसीय उर्स में खोला जाता है। शुरुआत से ऐसा नहीं था। वर्ष 1996 तक यह कब्रें आम सैलानियों के लिए खुली हुई थीं। पर्यटकों के साथ राष्ट्राध्यक्ष भी इन्हें देखा करते थे। 1996 में इन्हें बंद किए जाने के बाद स्थिति बदल गई, मगर राष्ट्राध्यक्षों के लिए ताज के तहखाना में स्थित शाहजहां व मुमताज की असली कब्रें खुलती रही हैं।

वर्ष 2007 में आईं स्विट्जरलैंड की तत्कालीन राष्ट्रपति मैकलीन कैल्मी रे के लिए असली कब्रें खोली गई थीं। दरअसल, असली कब्रों को खोलना एएसआइ के अधिकार में है। कब्रों को सुरक्षा व भीड़ के चलते बंद किया गया था। राष्ट्राध्यक्षों की विजिट के दौरान ताज बंद रहने से भीड़ नहीं होती, इसलिए कब्रें खुल सकती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यह कब्रें खोली जा सकती हैं। राष्ट्राध्यक्षों के लिए इन्हें नहीं खोलने का कोई नियम नहीं है। एएसआइ द्वारा ही राष्ट्राध्यक्षों की विजिट के दौरान एडवांस टीम को पूर्व में इसकी जानकारी दी जाती रही है। हालांकि, एएसआइ अधिकारी अमेरिकी टीम द्वारा इस बारे में कोई जानकारी नहीं करने की बात कर रहे हैं।

आरटीआइ में दी जानकारी

एएसआइ से वर्ष 2006 में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) में ताज के तहखाना में स्थित कब्रों को बंद करने के बारे में पूछा था। तब एएसआइ ने जवाब दिया था कि तहखाना में स्थित कब्रों को 10 वर्ष पूर्व संरक्षण के लिए बंद किया गया था। बाद में अल्प स्थान व एक ही प्रवेश/निकास द्वार होने व पर्यटकों की अत्यधिक भीड़ के चलते किसी अनहोनी की आशंका के कारण बंद कराया गया।

बंद करने की वजह

-तहखाने में स्थित कब्रों तक पहुंचने व बाहर आने का केवल एक रास्ता है।

-मेहराबदार रास्ते से सीढिय़ां सीधे नीचे तक जाती हैं।

-सीढिय़ों पर फिसलन की वजह से लकड़ी का कवर चढ़ाया जा चुका है।

-तहखाना का कक्ष व रास्ता संकरा है।

-उसमें वेंटीलेशन का कोई माध्यम नहीं है, जिससे उसमें उमस रहती है।

2007 में खुला था तहखाना

एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ गाइड शमसुद्दीन बताते हैं कि एमसी मेहता की याचिका पर 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रेपेजियम जोन का आदेश किया था। उसी वर्ष सुरक्षा कारणों के चलते तहखाना में स्थित असली कब्रों को बंद कर दिया गया। 2007 में स्विट्जरलैंड की तत्कालीन राष्ट्रपति मैक्लीन कैल्मी रे ने तहखाना में स्थित कब्रों को देखा था। उस समय मुकेश मेश्राम डीएम थे।


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