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Advocate Kidnapping Case: किसान और चरवाहा बनी पुलिस, 40 घंटे चला ऑपरेशन Agra News

Advocate Kidnapping Caseकोई इंस्पेक्टर चरा रहा था बकरी तो कोई मोबाइल टावरकर्मी बना। टीम के कई सदस्य किसान तो कई जीप के चालक बनकर रहे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 05:05 PM (IST)
Advocate Kidnapping Case: किसान और चरवाहा बनी पुलिस, 40 घंटे चला ऑपरेशन  Agra News
Advocate Kidnapping Case: किसान और चरवाहा बनी पुलिस, 40 घंटे चला ऑपरेशन Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। अधिवक्ता अकरम को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पुलिस ने संयम और धैर्य के साथ बेहतरीन टीम वर्क भी किया। 40 घंटे तक बिना थके और सोए 10 टीमें लगातार बीहड़ की खाक छानती रहीं। बदमाशों के बीच उन्हीं के वेश में रहकर पूरी इंटेलीजेंस जुटा ली। इसके बाद सकुशल अधिवक्ता को मुक्त कराके बदमाश दबोच लिए। पुलिस टीम का यह ऑपरेशन चर्चाओं में है।

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सिकंदरा क्षेत्र से तीन फरवरी को अधिवक्ता अकरम अंसारी का बदमाशों अपहरण किया गया था। पांच फरवरी को बदमाशों ने भाई असलम को कॉल करके 55 लाख की फिरौती मांगी थी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। आइजी ए सतीश गणेश ने एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों से साथ बैठक करके ऑपरेशन की रणनीति बनाई और आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद एसएसपी ने वाट्सएप पर ऑपरेशन अकरम मुक्त ग्रुप बनाया। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद और एसपी पश्चिम रवि कुमार ने ऑपरेशन की कमान संभाली। फिरौती को पहली कॉल आने के बाद ही पुलिस ने राजस्थान में डेरा जमा लिया। इसके बाद पूर्व के अपहरण के मामलों में शामिल रहे बदमाशों का डाटा खंगाला। अधिवक्ता के भाई असलम को भी पुलिस अपने साथ ही रख रही थी। 15 फरवरी को चौथी बार बदमाशों का फिरौती को कॉल आया। 16 फरवरी की सुबह सात बजे से ही बदमाशों को पकडऩे के लिए जाल बिछा लिया। चार बजे तातपुर के पास फिरौती देनी थी। इससे पहले ही पुलिस ने जाल बिछा लिया।

टीम का कोई सदस्य बकरी चरा रहा था कोई भैंस लेकर खड़ा था। कोई गाड़ी खराब होने का बहाना करके बदमाशों के फिरौती वसूलने के स्थान के पास खड़ा था। कई घंटे तक घुमाने के बाद बदमाशों ने आखिर राजस्थान के श्यौली गांव में असलम को बुलाया। बदमाश पुलिस के सामने थे। इसके बाद भी अधिवक्ता को सकुशल मुक्त कराने के लिए पुलिस ने तब उन्हें नहीं दबोचा। फिरौती लेने उग्रसेन आया था। वह बैग में रुपये लेकर अपने घर ही पहुंचा। पुलिस उसके पीछे-पीछे घर पहुंच गई। मगर, वहां अधिवक्ता नहीं थे। इसलिए पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी। वादे के बाद भी बदमाशों ने अधिवक्ता को नहीं छोड़ा। ऐसे में पुलिस ने उग्रसेन और लाखन को दबोच लिया। इसके बाद सुरेंद्र को उसके गांव से ही गिरफ्तार किया। फिरौती में लिए रुपये बरामद करने के बाद पुलिस ने उस घर को चारों ओर से घेर लिया, जिसमें अधिवक्ता को बंधक बनाकर रखा था। पुलिस ने सभी बदमाशों को यहां से गिरफ्तार करके अधिवक्ता अकरम को भी मुक्त करा लिया।

ऑपरेशन में लगी टीमों को नंबर दिए गए थे। वे वाट्सएप पर अपनी लोकेशन भी शेयर कर रही थी। एसएसपी टीमों में समन्वय बनाए थे। हर पल की अपडेट आइजी ए सतीश गणेश और एडीजी अजय आनंद लेते रहे।

एडीजी और आइजी ने पीठ थपथपाई

अधिवक्ता को मुक्त कराने वाली टीम की एडीजी अजय आनंद और आइजी ए सतीश गणेश ने पीठ थपथपाई। एसएसपी बबलू कुमार ने तो पत्रकार वार्ता में यह तक कह दिया कि वे लकी हैं कि उन्हें ऐसी श्रेष्ठ टीम मिली है।

ये रहे टीम में

सीओ चमन सिंह चावड़ा, सर्विलांस सेल प्रभारी नरेंद्र कुमार सिंह, इंस्पेक्टर सदर कमलेश सिंह, इंस्पेक्टर सिकंदरा अरविंद कुमार सिंह, इंस्पेक्टर ताजगंज अनुज कुमार, इंस्पेक्टर हरीपर्वत अजय कौशल, स्वाट टीम प्रभारी राजकुमार गिरी, एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित, एसटीएफ के एसआइ मानवेंद्र सिंह, एसआइ मुनेश यादव, एसओ जैतपुर अरुण बालियान, इंस्पेक्टर सैंया बैजनाथ सिंह, इंस्पेक्टर न्यू आगरा उमेश त्रिपाठी, एसआइ सुशील कुमार, कांस्टेबल आदेश, अजीत, प्रशांत, विवेक, राजकुमार, अरुण, आशुतोष, रविंद्र आदि शामिल रहे।  


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