बजट में मिला ताजनगरी को गंगा का वरदान, सुधरेंगी ये जर्जर व्यवस्था भी Agra News
सुनी गई जनप्रतिनिधियों की मांग। बजट में मिलेे आगरा को 200 करोड़़ रुपए।
आगरा, जागरण संवाददाता। घर-घर गंगाजल पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को पेश किए बजट के दौरान योगी सरकार ने आगरा को 200 करोड़ रुपये और दिए हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधि लंबे समय से मांग कर रहे थे।
वर्तमान में 350 एमएलटी गंगाजल प्रतिदिन आगरा को मिल रहा है। सिकंदरा और जीवनी मंडी वाटर वर्क्स से इसकी सप्लाई की जा रही है। मगर, व्यवस्था जर्जर होने के कारण हर घर तक गंगाजल नहीं पहुंच पा रहा। स्थिति यह है कि नगर निगम सीमा अंतर्गत 100 वार्डो में से सिर्फ 18 वार्डो में ही पूरी तरह से पानी की पाइप लाइन बिछी हुई है। 55 वार्डो में आंशिक रूप से पाइप लाइन हैं। यानी 27 वार्डो में तो पानी की पाइप लाइन ही नहीं हैं। प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ रुपये इसी व्यवस्था को सुचारु करने के लिए दिया है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में पानी की टंकियां भी बनाई जाएंगी। इनकी मदद से विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति होगी।
सीवर समस्या के समाधान का प्रयास
15 वें वित्त आयोग के तहत प्रदेश सरकार ने 180 करोड़ रुपये का बजट आगरा को दिया है। नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी शहर की जरूरत के हिसाब से इस धनराशि का उपयोग कर सकेंगे। सीवर समस्या, सड़क निर्माण, नाली, खरंजा आदि से संबंधित कार्य किए जाएंगे। अब तक 14 वें वित्त आयोग के तहत ये कार्य कराए जा रहे थे।
मंडी शुल्क खत्म हुआ न ज्वेलरी पार्क मिला
प्रदेश सरकार के बजट में ताजनगरी में इन्फ्रास्ट्रर की योजनाओं के लिए तो आवंटन किया गया, लेकिन उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को योगी सरकार का बजट निराश कर गया। थीम पार्क समेत श्हर में सरकारी जमीन खाली पड़ी हैं, लेकिन आभूषण का बड़ा केंद्र होने पर भी आगरा को न च्वैलरी पार्क मिला और न ही टेक्सटाइल पार्क। आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल ने कहा कि बजट में व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा और कारोबारी सहूलियतें चाहिए थीं, जो नहीं मिलीं। स्टांप शुल्क में कमी और मंडी समिति शुल्क खत्म करने की जरूरत थी।
आगरा सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने कहा कि भारत के बड़े च्वैलरी बाजारों में आगरा है, लेकिन च्वैलरी पार्क की मांग पूरी नहीं की गई। औद्योगिक विकास मंत्री तक हम कई बार बात पहुंचा चुके। तंग गलियों की जगह च्वैलरी पार्क चाहिए, लेकिन सरकार व्यापारियों के लिए कोई योजना, नीति बजट में लेकर ही नहीं आई। आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गागन दास रामानी ने कहा कि आगरा में कोई सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है, जबकि यहां जरूरत है। ओडीओपी योजना में पिछले साल का पैसा खर्च ही नहीं हुआ।