अब दूध वाले भैय्या बनेंगे अप टू डेट, हाथ में होगी आइडी और सर्टिफिकेट Agra News
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से दूधियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण। दूध के प्लांट पर तैयार होगा एक-एक प्रशिक्षु ये किसानों को देंगे जानकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। वकील, ड्राइवर और कुली हर शख्स के पास ड्रेस होती है और विभाग उनको पहचान पत्र या सर्टिफिकेट भी देता है। जिससे उनकी सेवाओं पर भरोसा होता है, लेकिन दूध वाले भैय्या के पास कोई प्रमाण नहीं होता और न ही उसको प्रशिक्षण दिया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। उनको भी प्रशिक्षण व सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) आगरा में दूध के बड़े प्लांटों पर एक-एक प्रशिक्षु तैयार कर रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी इनको प्रशिक्षण दे रहे हैैं। प्रशिक्षण अवधि पूरी होने के बाद सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद वह प्रशिक्षु गांव से आने वाले किसान व दूधिया को प्रशिक्षण देगा। जिससे दूध की गुणवत्ता सुधारे और मिलावट के कारोबार में गिरावट हो सके।
यह प्रशिक्षण भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के निर्देश पर एफएसडीए की टीम प्लांटों पर जाकर प्रशिक्षण दे रहे हैैं। जिला अभिहित अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि आगरा में प्रशिक्षण अभियान का प्रथम चरण 16 जनवरी से शुरू हुआ था। सैड़कों प्लांट संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अगले चरण में उनकी डे्रस को लेकर भी बात की जाएगी।
जमा करनी होगी प्रशिक्षण की फीस
प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विभाग में फीस जमा करनी होगी। बड़े कारोबारी की फीस 708 रुपये और छोटे के लिए 200 रुपये फीस तय की गई है। प्रशिक्षक दूध विक्रेताओं से संपर्क करके उन्हें प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षु कारोबारी को गोल्डन रूल्स ऑफ एफएसएसएआइ, हेड मास्क, एप्रेन और माउथ मास्क भी प्रदान किया जाएगा।
रजिस्टे्रशन कराना अनिवार्य
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमानुसार एक्शन प्लान में दूध विक्रताओं के पंजीकरण कराना अनिवार्य है, लेकिन एफएसडीए के द्वारा लगातार ढील बरती जाती है। ग्र्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में दूध विक्रेता शहर में आते हैैं। जो बना पंजीकरण दूध सप्लाई करते हैं।
ये दूध विक्रेता
- जिले में 13 हजार पंजीकृत दूध विक्रेता हैं।
- जिले में 3500 लाइसेंस धारक दूध विक्रेता हैैं।
- तीन चरण में प्रशिक्षण व सर्टिफिकेट की प्रक्रिया होगी पूर्ण।