संगीत अकादमी पुरस्कार: इन कला साधकों ने बढ़ाया ताजनगरी का मान Agra News
तबला वादक डॉ नीलू शर्मा रंगकर्मी डिंपी मिश्रा नाट्य निर्देशक केशव प्रसाद सिंह और संगीतकार सत्यभान शर्मा को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया पुरस्कत।
आगरा, जागरण संवाददाता। कला और संस्कृति की धरा ताजनगरी में संगीत के साधक भी कम नहीं है। शहर की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए मां शारदे के उपासक विविध क्षेत्र में तल्लीन रहते हैं। इसी का परिणाम है गुरुवार को उप्र संगीत नाटक अकादमी में प्राप्त हुए पुरस्कार। शहर के चार कला साधकों को जब ये पुरस्कार दिए गए तब यहां के हर संगीत कला प्रेमी के चेहरे पर गर्वित मुस्कान बिखर गई। आंखों में चमक उस वक्त और बढ़ी जब शहर की एक महिला कला साधिका भी इन पुरस्कारों की श्रेणी में शामिल हुईं।
गुरुवार को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में 2009 से लेकर 2019 तक के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार संगीत, नृत्य, नाट्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों आगरा के चार कलाकार भी पुरस्कृत हुए। इसमें संगीतकार सत्यभान शर्मा, नाट्य निर्देशक केशव प्रसाद सिंह, तबला वादक डॉ नीलू शर्मा और रंगकर्मी डिंपी मिश्रा को तामग्रपत्र, अंगवस्त्र एवं राशि देकर सम्मानित किया गया। शहर की इन शख्सियतों को मिलेे सम्मान से आगरा के सभी कला साधकों में हर्ष व्याप्त है।
जो मिला वो शहर से मिले प्यार को समर्पित
2013 के लिए तबला वादक डा. नीलू शर्मा को पुरस्कार दिया गया है। डा. शर्मा दयालबाग शिक्षण संस्थान में प्रोफसर हैं। आगरा कॉलेज के संगीत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष लल्लू सिंह से तबला सीखने से पहले वे कथक की शिक्षा कथक गुरु अर्जुन मिश्रा और काजल शर्मा से ले चुकी थीं। 1980 से 90 तक के दौर में आगरा को कथक के क्षेत्र में विशेष ऊंचाइयां डॉ नीलू ने दिलाई थीं। वर्तमान में भी कथक और तबले के क्षेत्र में डॉ नीलू के कई शोध चल रहे हैं। डॉ नीलू अपनी इस उपलब्धि के लिए वे अपने परिवार और शहर के हर उस सदस्य का धन्यवाद देती हैं, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें कुछ ना कुछ सिखाया।
दर्शकों के स्नेह ने दिलाया पुरस्कार
रंगकर्मी डिंपी मिश्रा को 2018 के लिए पुरस्कृत किया गया है। शहर में थियटर फेस्टिवल की शुरुआत कर ताजनगरी का नाम नाट्य जगत में सुर्खियों में लाने वाले डिंपी सामाजिक मुद्दों को विशेष तवज्जो देते हैं। डिंपी की रंगलोक संस्था विगत तीन वर्षों से शहर में थियटर फेस्टिवल कर रही है, जिसमें रंगमंच और फिल्मी जगत से जुड़े नामचीन कलाकार शामिल होते हैं। नौ वर्षों में डिंपी मिश्रा 100 से अधिक नाटक देश के विभिन्न राज्याें में निर्देशित और आयोजित कर चुके हैं। गीतकार गुलजार के लिखे कई नाटकाेें का भी मंचन उन्होंने वरिष्ठ रंगकर्मी सलीम आरिफ के सानिध्य में किया है। आगरा मंडल के 16 युवाओं का चयन डिंपी मिश्रा की रंगलोक संस्था के माध्यम से राष्ट्रीय फिल्म एवं ड्रामा स्कूल्स में हाेे चुका है। डिंपी मिश्रा अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने दर्शकों को देते हैं और भविष्य में रंगकर्म की दुनिया में नाटक के विभिन्न रंगों को प्रस्तुत करने की बात कहते हैं।
वर्षों की मेहनत को अब मिली सही पहचान
हवेली संगीत के विख्यात संगीतकार सत्यभान शर्मा को साल 2010 के लिए पुरस्कार मिला है। इसके तहत उन्हें 10 हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह मिला है। सत्यभान शर्मा ध्रुव कुमार गायन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने पुष्टिमार्गीय संगीत में शोध किया है। संगीत की शिक्षा गुरु लक्ष्मण प्रसाद चौबे से लेने के बाद 1965 में वे आगरा आए थे। पुरस्कार पाकर सत्यभान शर्मा काफी खुश हैं। कहते हैं कि सालों की मेहनत को अब सही पहचान मिली है।
एक नया जोश भर दिया पुरस्कार ने
2015 के लिए नाट्य शिल्पी केशव प्रसाद सिंह को पुरस्कार दिया गया है। 80 साल के केशव प्रसाद संस्कार भारती नाट्य केंद्र के संस्थापक हैं। 50 सालों से रंगमंच की दुनिया में काम कर रहे केशव ने सैकड़ों नाटकों को मंचन किया है। पुरस्कार मिलने के बाद वे काफी उत्साहित हैं। कहते हैं कि इस पुरस्कार ने मुझमें और जोश भर दिया है, बहुत काम करना है।