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एवरेस्‍ट फतेह करने वाले बोले, हेलमेट पहनना एवरेस्ट जीतने से बड़ी जीत Agra News

11 देशों में चार लाख किमी दूरी तय करने के बाद फीरोजाबाद पहुंचे पर्वतारोही। वर्ल्‍ड रिकार्ड समेत कई सम्मानों से सम्मानित पर्वतारोहियों ने बनाया जागरुक।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 05:53 PM (IST)
एवरेस्‍ट फतेह करने वाले बोले, हेलमेट पहनना एवरेस्ट जीतने से बड़ी जीत Agra News
एवरेस्‍ट फतेह करने वाले बोले, हेलमेट पहनना एवरेस्ट जीतने से बड़ी जीत Agra News

आगरा, जेएनएन। वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले पर्वतारोहियों का दल सामाजिक सरोकारों के प्रति जनता को जागरुक बनाने के उद्देश्य से लाखों किलोमीटर की दूरी तय कर बुधवार को सुहागनगरी पहुंचा। पर्वतारोही डीएम- सीडीओ से उनके कार्यालय में मुलाकात के बाद एआरटीओ कार्यालय पहुंचे। यहां पौधारोपण उन्होंने किया।

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डेंजरस एडवेंचर अंतर्वेद स्‍पोर्ट्स लॉगेस्ट वल्र्ड टूर बाई ऑन फुट संस्था से जुड़े पर्वतारोही लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रताप, महेंद्र और गोविदानंद ने बताया कि यात्रा की शुरूआत 1980 में लखीमपुर खीरी निवासी पर्वतारोही अवध बिहारी लाल ने इसी जनपद से की थी। वे इस यात्रा से 2018 में एवरेस्ट फतह करने के बाद जुड़े। दल का उद्देश्य दुनिया में साढ़े चार लाख किमी दूरी तय कर सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण, जल शक्ति अभियान, स्वच्छता और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे सामाजिक सरोकारों के प्रति जनता को जागरुक बनाना है। प्रदेश के 55 वें जिले के तौर पर वे सुबह 11 बजे सबसे पहले कलक्ट्रेट फिर सीडीओ कार्यालय पहुंचे। डीएम चन्द्र विजय सिंह और सीडीओ नेहा जैन को अपनी यात्रा की जानकारी देने के बाद वे एआरटीओ पीके सिंह के पास पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से कहा कि ये सभी जन सरोकार सबसे महत्वपूर्ण हैं। जान बचानी है तो राहगीरों को हेलमेट पहनना पड़ेगा। हेलमेट पहनना एवरेस्ट फतह से बड़ी जीत है। दल के सदस्यों ने बताया कि वे अब तक बांग्लादेश, भूटान, तिब्बत, नेपाल, बर्मा, चीन और थाइलैंड समेत 11 देशों की यात्रा की है। दल में 20 सदस्य शामिल हैं, ये अलग-अलग स्थानों पर यात्रा कर रहे हैं। पर्वतारोहियों ने बताया कि वे पूरे प्रदेश में जाएंगे।

हर रोज 40 किमी दूरी तय करते हैं पर्वतारोही

पर्वतारोही हर रोज 40 किलोमीटर दूरी तय करते हैं। सदस्यों ने बताया कि बारिश या अन्य कारणों से मौसम खराब होने पर वे कम दूरी तय कर पाते हैं। खास बात यह कि वे पैदल ही दूरी तय करते हैं। सदस्यों ने बताया कि कई बार उन्हें रात के समय डर भी लगता है, लेकिन समाज के लिए कुछ करने की इच्छा उनका मनोबल बढ़ाती है।

एवरेस्ट फतह करने के बाद हुआ चयन

सदस्यों ने बताया कि साल 2018 में एवरेस्ट फतह करने के बाद प्रदेश सरकार ने इस टीम को विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों के लिए चयनित किया था। किसान परिवार से जुड़े दल के सभी सदस्य अपने मिशन को पूरा करते हैं।


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