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उफान में 6099 ग्रामीण घिरे, 1000 की आबादी टीलों पर

तेजी से बढ़ा लेकिन धीमी गति से घट रहा चंबल नदी का जलस्तर14 गांवों का संपर्क अभी नहीं जुड़ा 134 मीटर पर बह रही चंबल नदी

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 06:25 AM (IST)
उफान में 6099 ग्रामीण घिरे, 1000 की आबादी टीलों पर
उफान में 6099 ग्रामीण घिरे, 1000 की आबादी टीलों पर

संवाद सूत्र, बाह (आगरा) : चंबल का पानी जिस तेजी से बढ़ा उतनी तेजी से कम नहीं हो सका है। नदी अब भी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर 134 मीटर पर बह रही है। 14 गांवों का संपर्क अभी तक तहसील मुख्यालय से जुड़ नहीं पाया है। 6099 ग्रामीण पानी के उफान में घिरे हुए हैं। इनमें से करीब एक हजार की आबादी ने टीलों पर शरण ले रखी है। बीते मंगलवार को नदी का जलस्तर रिकार्ड 136.20 मीटर तक पहुंच गया था।

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कोटा बैराज से नौ सितंबर से कई किस्तों में छोड़े गए पानी से चंबल नदी किनारे के गांवों में तबाही हुई है। बाह तहसील के एक दर्जन गांवों पानी से घिरे हुए हैं। प्रशासन के राहत और बचाव कार्य भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। मंगलवार को रिकार्ड 136.20 मीटर जलस्तर पहुंचने के बाद हर घंटे पांच सेंटीमीटर पानी घट रहा है। अनुमान है कि अभी गांवों से पानी निकलने में दो से तीन दिन लग जाएंगे।

वहीं गुरुवार को भी कछियारा, झरनापुरा, डालपुरा, डोगरा पुरा, क्यौरी, बीच का पुरा, पुरा उमरैठा, गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, मऊ की मढ़ैया आदि गांव जलमग्न रहे। तमाम मकानों, झोपड़ियों और दुकानों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए स्टीमर का सहारा लिया जा रहा है। स्वास्थ विभाग की अग्निपरीक्षा

आंकड़ों पर गौर करें तो उफान में 6099 की जनसंख्या घिरी हुई है। गांवों की गलियों व मकानों में अभी भी पानी भरा हुआ है। जलभराव व कीटाणुओं की मौत व गंदगी के कारण इन गांवों में बीमारी फैलने की आशंका है। इससे पार पाना स्वास्थ विभाग की अग्निपरीक्षा से कम नहीं। बाह, पिनाहट, जैतपुर सीएचसी व अन्य अस्पतालों की टीमें गांवों में लगातार कैंप कर दवा वितरण व ग्रामीणों को सावधान रहने की जानकारी दे रही हैं। गुरुवार को भी उफान से घिरे गांव में कैंप लगा दवा का वितरण कराया गया है। फंसे ग्रामीणों का राशन खत्म, मदद की अपील

पांच दिन से एक दर्जन गांवों के लोग पानी के उफान में फंसे हैं। उनके पास जो राशन था वह खत्म हो चुका है। करीब सात हजार लोगों के लिए सुबह शाम खाने पीने के लिए प्रशासन खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है। वहीं, स्वयंसेवी संस्थाएं भी पीड़ितों की मदद को आगे आ रही हैं। मेक-ए-डिफरेंस सोसाइटी ने व्यापारियों से लोगों की मदद की अपील की है। मदद में इनका बड़ा योगदान

जागृति महिला मंडल जैतपुर, चंदनवाला बालिका ग्रुप, पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर, अपोलो टायर, नीरज भैया गारमेंट्स, नितिन ज्वेलर्स, आरके लेडीज कॉर्नर, पारस जनरल स्टोर, कौशल्या वाटिका, प्रिंस ज्वेलर्स, जेनिथ कॉम्पटीशन क्लासेज, मार्क अकादमी, पाठक पुरा के अलावा सोनू भदौरिया, अक्षत जैन आदि ने खाद्य सामग्री बंटवाई। पीड़ितों में बांटी राहत सामग्री

संसू, फतेहाबाद: खाद्य एवं रसद विभाग ने पानी में घिरे ग्रामीणों को राहत सामग्री का वितरण किया। एसडीएम फतेहाबाद अब्दुल बासित ने बताया कि पीड़ितों की मदद के लिए फतेहाबाद से 25 कुंतल आटा, 23 कुंतल चावल, 40 पैकेट आलू, तीन कुंतल चीनी, 500 पैकेट माचिस, 500 पैकेट मोमबत्तियों के भेजे हैं। यह सामग्री 500 परिवारों के लिए भेजी गई है। गुरुवार को एसडीएम बाह के साथ जिला पूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा, क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा, पूर्ति निरीक्षक रमाकात सिंह, पूर्ति निरीक्षक अजय चौहान ने पिनाहट क्षेत्र के गाव क्यौरी, उमरैठा, रानी का पुरा, खेडा राठौर, कुवरखेड़ा में पहुंच कर राहत सामग्री बांटी। इसमें कुवरखेड़ा और खेडा राठौर में स्टीमर के जरिये राहत सामग्री पहुंचाई गई।


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