Move to Jagran APP

गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ..ढोल नगाड़ों संग हुआ विसर्जन

- अनंत चतुर्दशी आज विदा होंगे गणपति बप्पा उमड़ा आस्था का सैलाब -कई घरों से विदा हुए गौरा नंदन घाटों पर उमड़ी भीड़ निकले जुलूस

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:27 AM (IST)
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ..ढोल नगाड़ों संग हुआ विसर्जन
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ..ढोल नगाड़ों संग हुआ विसर्जन

आगरा, जागरण संवाददाता।

loksabha election banner

गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आना..। देवा ओ देवा, गणपति देवा, तुमसे बढ़कर कौन..। बुधवार को ताजनगरी की सड़कें गणपति के जयघोष से गूंजती रहीं। जगह-जगह से गणपति बप्पा की विसर्जन यात्रा निकाली गई। यमुना के हाथी घाट, कैलाश घाट, पोइया घाट आदि जगहों पर गजानन की प्रतिमा को विसर्जित किया गया। महिला और युवतियों ने विसर्जन से पहले अपनी मनोकामना भी बप्पा के कान में कही। गजानन के पंडालों में पूजा-अर्चना के बाद दिनभर धार्मिक कार्यक्रम हुए। शाम को महाआरती के बाद देर शाम तक भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने ट्रक, कार, ठेल, स्कूटर, मोटर साइकिल पर तो किसी की गोद में विराजमान गौरा पुत्र गणेश की विसर्जन यात्रा निकली। इस बीच ढोल, नगाड़ों और तेज म्यूजिक की आवाज सुनाई देती रही। वह गणेश भक्ति के उल्लास में भक्त डूबे दिखे।

कई सालों से यमुना में गणेश प्रतिमाएं विसर्जित करने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। इस बार भी प्रशासन द्वारा कैलाश मंदिर, पोइया घाट और हाथी घाट के निकट प्रतिमाएं विसर्जित करने के लिए कुंड बनाए गए हैं। जिनमें यमुना का जल भरा गया है। गणेश भक्त इन्हीं कुंडों में गणपति प्रतिमाओं को विसर्जित करते दिखाई दिए। ताजमहल के दशहरा घाट पर भी गणपति की प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। अबीर गुलाल में सराबोर भक्त अपने आराध्य को यमुना जल में विसर्जित करते दिखाई दिए। शहर में अधिकाश स्थानों पर गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर परंपरा के अनुसार पूजा- अर्चना कर गणपति की विदाई करेंगे।

शुभ मुहूर्त में होगा गणपति का विसर्जन

कैलाश मंदिर के मंहत निर्मल गिरी ने बताया कि जो लोग अपने घर या पंडाल में 10 दिनों के लिए गणपति बप्पा की प्रतिमाओं को स्थापित करते हैं, वे लोग गुरुवार को गणपति का विसर्जन करेंगे। जिस प्रकार से शुभ मुहूर्त में गणपति की स्थापना की जाती है, वैसे ही उनका विसर्जन भी शुभ मुहूर्त में होता है। गणेशोत्सव के दौरान अलग दिनों के लिए गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। कुछ लोग गणेश प्रतिमा डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन और 11 दिन के लिए स्थापित करते हैं। उसके बाद विधि विधान से बप्पा का विर्सजन कर देते हैं। सुबह का मुहूर्त (शुभ): सुबह 06:08 बजे से सुबह 07:40 मिनट तक।

सुबह का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 10:45 बजे से दोपहर 03:22 बजे तक।

दोपहर का मुहूर्त (शुभ):शाम 04:54 बजे से शाम 06:27 बजे तक।

शाम का मुहूर्त (अमृत, चर): शाम 06:27 बजे से रात 09:22 बजे तक।

रात का मुहूर्त (लाभ): 13 सितंबर को राज 12:18 बजे से रात 01:45 बजे तक।

इन शुभ मुहूर्त में से किसी भी समय गणपति बप्पा को आप विदा कर सकते हैं। बप्पा को लोग इसलिए विदा करते हैं, ताकि वे अगले वर्ष फिर उनके घर में पधारें और उनकी विघ्न-बाधाओं को हर कर जीवन में खुशहाली दें।

गणपति की प्रतिमाओं का विसर्जन आस पास किसी तालाब, नदी या बहते जल में किया जाता है। खासतौर पर मिट्टी के बने गणपति को ही जल में विसर्जित किया जाना चाहिए। मिट्टी के गणपति आसानी से पानी में घुल जाते हैं, जिससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है।

विसर्जन के पीछे जीवन-मृत्यु का रहस्य

कैलाश मंदिर के मंहत निर्मल गिरी ने बताया कि विसर्जन का नियम इसलिए है कि मनुष्य यह समझ ले कि संसार एक चक्त्र के रूप में चलता है भूमि पर जिसमें भी प्राण आया है। वह प्राणी अपने स्थान को फिर लौटकर जाएगा और फिर समय आने पर पृथ्वी पर लौट आएगा। विसर्जन का अर्थ है मोह से मुक्ति, आपके अंदर जो मोह है उसे विसर्जित कर दीजिए। आप बप्पा की मूर्ति को बहुत प्रेम से घर लाते हैं उनकी छवि से मोहित होते हैं लेकिन उन्हें जाना होता है इसलिए मोह को उनके साथ विदा कर दीजिए और प्रार्थना कीजिए कि बप्पा फिर लौटकर आएं, इसलिए कहते हैं गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ। गणपति बप्पा विसर्जन के नियम

-विसर्जन से पहले गणपति की पूजा करें।

-गणेशजी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं।

-गणपति को विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं।

-एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाई और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बाध दें।

-विदाई से पहले गणेशजी की आरती करें और जयकारे लगाएं।

-गणेशजी से क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा मागे।

-पूजा सामग्री और हवन सामग्री जो कुछ भी हो उसे गणेशजी के साथ जल में विसर्जित कर दें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.