दर्द रहित घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण बन रहा बढ़ती उम्र कामगार Agra News
उत्तर प्रदेश ऑथरेपेडिक एसोसिएशन और आगरा ऑथरेपेडिक सोसायटी की कार्यशाला। इम्प्लांट की गुणवत्ता और डॉक्टर के अनुभव से आ रहे अच्छे रिजल्ट।
आगरा, जागरण संवाददाता। बुजुर्गो को घुटने के दर्द से राहत के लिए दर्द रहित प्रत्यारोपण हो रहे हैं। अच्छी गुणवत्ता के इम्प्लांट और सर्जरी करने वाले अस्थि रोग विशेषज्ञ के अनुभव से प्रत्यारोपण के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। इसे लेकर होटल क्लार्क शिराज में उत्तर प्रदेश ऑथरेपेडिक एसोसिएशन और आगरा ऑथरेपेडिक सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यशाला में चर्चा की गई।
कार्यशाला में डॉ. राजीव शर्मा अस्थि रोग विभाग के चेयरमैन नयति ग्रुप ने कूल्हा प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक तकनीकी पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सिरेमिक इप्लांट का इस्तेमाल हो रहा है। ये 20 से 30 साल तक काम कर रहे हैं। बुजुर्ग महिलाओं में कूल्हे के फ्रैक्चर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इस उम्र में वे बेहतर जिंदगी जीए, इसके लिए दर्द रहित कूल्हा प्रत्यारोपण किए जा रहे हैं। दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इम्प्लांट की गुणवत्ता और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर, ये दोनों अच्छे हैं तो कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं।
कार्यशाला में इंडियन ऑथरेपेडिक एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. बी शिवा शंकर ने हिप नेलिंग पर रिपोर्ट पेश की, मल्टी लिगामेंट इंजरी के अत्याधुनिक इलाज पर डॉ. अमित अजगांवकर ने चर्चा की। राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल श्रीवास्तव, आयोजन सचिव डॉ. संजय धवन, आइएमए, एएमएस के चेयरमैन डॉ. डीवी शर्मा, एसएन के अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी पाल, डॉ. विपुल अग्रवाल, डॉ. अरुण कपूर, डॉ. रजत कपूर, डॉ. ब्रजेश गुप्ता, डॉ. अनुपम गुप्ता, डॉ. अश्वनी सड़ाना, डॉ. केएस दिनकर समेत करीब 200 अस्थि रोग विशेषज्ञ मौजूद रहे।
फ्रैक्चर में प्लास्टर और ऑपरेशन के एक समान रिजल्ट
कार्यशाला में फ्रैक्चर के केस में प्लास्टर करें या ऑपरेशन करें, इस पर बहस हुई। कंधे के फ्रैक्चर में ऑपरेशन और प्लास्टर लगाने के एक समान रिजल्ट हैं, केस स्टडी प्रजेंट करने के साथ ही रीवीजन सर्जरी और फ्रैक्चर होने पर टूटी हड्डी को पूरी तरह से सही करने पर चर्चा की गई।