आनंद और प्रेरणा देती हैं 'उपवन' की रचनाएं
साहित्य संगीत संगम और समानांतर ने किया साहित्य संगीत संध्या का आयोजन भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती की पूर्व संध्या पर यूथ हॉस्टल में किया आयोजन
जागरण संवाददाता, आगरा: भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती की पूर्व संध्या पर साहित्य संगीत संगम और समानांतर द्वारा साहित्य संगीत संध्या का आयोजन यूथ हॉस्टल, संजय प्लेस में किया गया। इसमें शांति कुमार सिंह की पुस्तक 'उपवन' का विमोचन किया गया।
पुस्तक का विमोचन करते हुए प्रो. एबी चौबे ने कहा कि उपवन की रचनाएं वास्तव में आनंद और प्रेरणा देती हैं। पुस्तक की समीक्षा करते हुए प्रेम सिंह राजावत ने कहा कि जिस तरह उपवन में अनेक प्रकार के पुष्प होते हैं और उनकी खुशबू अलग आनंद देती है, उसी प्रकार शांति कुमार सिंह की रचनाएं विशेष प्रकार का आनंद देती हैं। इसमें अध्यात्म और जीवन के अनुभव व प्रेरणा शामिल हैं। डॉ. राजेंद्र मिलन ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि एसएस यादव ने लेखक का सम्मान किया। सुशील सरित ने भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाओं का पाठ किया। सरस्वती वंदना ऐलेश अवस्थी ने की। सुभाष सक्सेना के निर्देशन में पूजा तोमर ने नृत्य प्रस्तुति दी। कथक आचार्य डॉ. रुचि शर्मा के निर्देशन में अक्षरा चाहर ने कथक प्रस्तुत किया। विजय लक्ष्मी शर्मा के निर्देशन में नृत्य प्रस्तुति हुई। उनकी प्रस्तुति पर लोगों ने जमकर तालियां बजाई। जूही तिवारी, रमा वर्मा, रमेश आनंद, प्रेम राजावत, असीम आनंद ने काव्य पाठ किया। उनकी रचनाओं को उपस्थित लोगों ने खूब प्रशंसा की। इस दौरान साहित्य संगीत संगम और समानांतर संस्था ने दैनिक जागरण के मुख्य संपादक ऋषि दीक्षित ने भी काव्य पाठ किया। संस्था ने उनको इसके लिए सम्मानित भी किया। धन्यवाद ज्ञापन ओमप्रकाश धाकड़ ने किया। विजया तिवारी, प्रेमलता मिश्रा, सुधीर शर्मा, निशु चौहान मौजूद रहे।