24 घंटे बीते, नहीं टूटी एनएचएआइ की नींद, हाईवे को बना रखा है झील Agra News
डीएम ने एनएचएआइ मथुरा खंड को 48 घंटे की दी थी मोहलत। गंदा पानी भरा होने से हाईवे पर रेंगते रहे वाहन कई बार लगा जाम। नहीं किया पानी निकासी का इंतजाम।
आगरा, जागरण संवाददाता। न कार्रवाई का डर और न जनता की दिक्कतों का ध्यान। 24 घंटे के बाद भी मंगलवार को रेनबो अस्पताल के सामने हाईवे पर गंदा पानी भरा रहा। दिनभर हाईवे पर कई बार जाम लगा। वाहन रेंगते रहे। आगरा-दिल्ली हाईवे सिक्स लेन किए जाने के नाम पर जबरदस्त लीपापोती की जा रही है।
डीएम एनजी रवि कुमार ने सोमवार दोपहर बाईंपुर गोशाला के निरीक्षण को जा रहे थे। रेनबो अस्पताल के सामने हाईवे पर गंदा पानी भरा होने पर डीएम ने नाराजगी जताई थी। 48 घंटे के भीतर हाईवे से गंदा पानी निकलवाने के आदेश दिए थे। मंगलवार को 24 घंटे पूरे हो गए। हाईवे से गंदा पानी नहीं निकलवाया गया। यहां तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी नहीं पहुंचे। बुधवार शाम चार बजे तक 48 घंटे पूरे होंगे।
डिवाइडर पर काम करती रही लेबर
लगभग दो महीने से हाईवे पर भरे पानी को निकालने के लिए डीएम के आदेश के बावजूद कोई पहल नहीं हुई, जबकि डिवाइडर पर बेरीकेडिंग लगाने को लेबर काम करती रही। दो माह से लगातार पानी भरा होने के चलते कई जगह सड़क कट गई है, इसे भी एनएचएआइ ने सुधरवाने की जहमत नहीं उठाई है। वहीं गुरु के ताल से लेकर सिकंदरा तक तीन जगह पैच छूट गए थे, उन्हें भी समतल नहीं कराया गया है।
शिकायत के बाद चालू हुआ रुनकता अंडरपास
एनएचएआइ मथुरा खंड के अधिकारियों ने शनिवार दोपहर रुनकता अंडरपास को बिना बताए बंद कर दिया गया। अंडरपास में तकनीकी बताई गई। अंडरपास बंद होने से सर्विस रोड से होकर वाहन गुजरे। शिकायत के बाद मंगलवार शाम पांच बजे अंडरपास को चालू कर दिया गया। 22 करोड़ से बने अंडरपास का निर्माण छह माह पूर्व हुआ था। निर्माण में तीन साल लगे। इसका उद्घाटन तत्कालीन फतेहपुरसीकरी लोकसभा के सांसद बाबूलाल ने किया था।
सुल्तानगंज पुलिया फ्लाईओवर की बंद है एक लेन
सुल्तानगंज पुलिया फ्लाईओवर की एक लेन (वाटरवक्र्स से रुनकता की ओर) पिछले दिनों एनएचएआइ मथुरा खंड के अफसरों ने बंद कर दी थी। लेन में तकनीकी कमी आने की बात कही गई थी। अभी तक यह लेन चालू नहीं हुई है। वर्तमान में दो लेन ही चालू हैं।
नहीं उठा फोन
हाईवे पर गंदा पानी भरा होने को लेकर जब एनएचएआइ मथुरा खंड के परियोजना निदेशक मोहम्मद सफी से संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।