गुनाहगार भाई को बहन ने नहीं दी पनाह, खुद फोन कर किया पुलिस के हवाले Agra News
पेशी के बाद छिप गया था दीवानी हवालात के शौचालय में। नाई की मंडी में बहन के यहां गया था शरण लेने।
आगरा, जागरण संवाददाता। गांव की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित भाई के लिए बहन के मन में नफरत भर गई। पुलिस अभिरक्षा से फरार होकर वह बहन के पास पनाह लेने गया तो मना कर दिया। पुलिस को फोन करके पकड़वाने के बाद उसे दोबारा सलाखों के पीछे भेज दिया।
कागारौल कस्बा निवासी असलम और उसके साथी इखलाक ने एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को फरवरी में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। गुरुवार को जिला जेल से असलम और इखलाक समेत 51 पुरुष और एक महिला बंदी दीवानी में तारीख पर आए थे। दोपहर करीब दो बजे पेशी के बाद असलम और इखलाक समेत सभी बंदियों को दीवानी परिसर स्थित हवालात में बंद कर दिया गया।
वह हवालात में बने शौचालय में जाकर छिप गया। गिनती में गड़बड़ी के चलते पुलिस गारद असलम को छोड़कर बाकी बंदियों को जेल में दाखिल करने ले गई। जेल प्रशासन ने उन्हें दाखिल करते समय गिनती की तो एक बंदी कम था। इसके बाद पेशी पर भेजे गए बंदियों के नामों का मिलान करने पर पता चला कि असलम नहीं आया है। इससे गारद में तैनात पुलिसकर्मियों में अफरातफरी मच गई। वह लौटकर हवालात चेक करने पहुंचे तो वह खाली मिली।
उधर, बंदियों को ले जाने के एक घंटे बाद असलम शौचालय से बाहर निकला। मुख्य गेट बंद होने के चलते चहारदीवारी फांदने से उसके घुटनों में चोट लग गई। घर जाने पर पकड़े जाने के डर से भटकता रहा। शुक्रवार को वह नाई की मंडी के धाकरान क्षेत्र में रहने वाली बहन के यहां शरण लेने पहुंचा। उसे देखते ही बहन क्रुद्ध हो गई। बहन का कहना था कि वह किसी युवती की इज्जत से खेलने वाले को अपने पास नहीं रख सकती। बहन ने उसे पुलिस को सौंपने का फैसला किया। कागारौल थाने फोन कर दिया। बहन के पुलिस को फोन करने का पता चलने पर असलम वहां से भाग निकला। जानकारी होने पर पहुंची पुलिस ने उसे न्यू आगरा इलाके से घेराबंदी करके दबोच लिया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिम्मेदारी से बचते रहे पुलिसकर्मी, छह पर मुकदमा
पुलिस अभिरक्षा से फरार दुष्कर्म के आरोपित असलम के मामले में पुलिसकर्मी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। एसपी प्रोटोकॉल ने प्रारंभिक जांच के बाद गारद में गए सभी छह पुलिसकर्मियों को दोषी माना। इनमें मुख्य आरक्षी समुंद्र सिंह, ड्यूटी वितरण आरक्षी अर¨वद कुमार, चेकिंग ड्यूटी आरक्षी शेर सिंह एवं प्रवीण कुमार, सिपाही अजय प्रताप सिंह तथा साजिद सिद्दीकी पर न्यू आगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
चुप रहा इखलाक
असलम के शौचालय में छिपने का साथी इखलाक को पता था। जब वह गाड़ी में नहीं आया तो उस समय भी इखलाक चुप रहा। जेल में दाखिल करते समय गिनती में 56 की जगह जब 55 बंदी निकले तो उसने मुंह खोला।
समर्पण करने वाले चार आरोपितों के चलते हुई चूक
गुरुवार को जिला जेल से पेशी पर दो वाहनों में बंदी लाए गए थे। एक वाहन में 57 बंदी थे। वह सभी जेल में दाखिल हो गए। दूसरे वाहन में असलम समेत 52 बंदी आए थे। चार आरोपितों के समर्पण करने पर उन्हें भी असलम के साथ वाहन में लाया गया था। यहीं पर गिनती के दौरान पुलिस गारद से चूक हुई। पुलिस गारद असलम को छोड़कर बाकि बंदियों को जेल में दाखिल करने के लिए अपन साथ ले गई थी।