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यहां तो गंगोत्री में ही मैली है गंगा, जानिए सरकारी महकमों में वाटर हार्वेस्टिंग प्‍लांट का हाल

जिन पर जल संचयन की जिम्‍मेदारी वहीं बदहाली। सरकारी इमारतों में सिस्‍टम बदहाल। पानी की बजाए होती कूड़े की हार्वेस्टिंग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 10:27 AM (IST)
यहां तो गंगोत्री में ही मैली है गंगा, जानिए सरकारी महकमों में वाटर हार्वेस्टिंग प्‍लांट का हाल
यहां तो गंगोत्री में ही मैली है गंगा, जानिए सरकारी महकमों में वाटर हार्वेस्टिंग प्‍लांट का हाल

आगरा, संजीव जैन। भूगर्भ से पानी के अतिदोहन के शिकार आगरा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये वर्षा जल संचयन के प्रति लापरवाही यूं ही नहीं है। जिनके विभागों के पास जल संचयन को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी है, वह ही इस ओर उदासीन बने हैं। नियमत: सभी सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन का सिस्टम लगाना अनिवार्य है। जिला प्रशासन, नगर निगम, आगरा विकास प्राधिकरण पर इसे लागू कराने की जिम्मेदारी है, लेकिन यहां पर लगे सिस्टम की दुर्दशा पर ही नजर नही हैं। जागरण टीम ने शनिवार को इसकी पड़ताल की तो व्यवस्था बदहाल मिली है। शुक्र है कि अधिकारियों ने यह बदहाली दुरुस्त कराने का भरोसा दिलाया है।

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नगर निगम

यहां वर्षा जल संचयन के इंतजामात किये गए हैं लेकिन इनकी हालत ठीक नहीं। सिस्टम के एक पिट में कूड़ा भरा है। नाली पूरी तरह चोक है। दूसरे पिट की नाली भी गंदगी से पटी है। बारिश का पानी पिट के अंदर भेजने के लिए जो नाली बनवाई गई थी, वह टूट गई है। और तो और यहां शराब की बोतल भी पड़ी मिली।

विकास भवन

यहां भी हालात नगर निगम से जुदा नहीं हैं। नालियां भी जुगाड़ से बनाई गई नजर आती हैं। चारों ओर गंदगी व कूड़े का ढेर है।

कलक्ट्रेट

 यहां सिस्टम बेहतर हालत में मिला। हालांकि कलक्ट्रेट परिसर में बनवाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर पीपल का पेड़ गिर गया है। एक पिट में कूड़ा भरा है। नाली चोक और गंदगी है।

एडीए

आगरा विकास प्राधिकरण कार्यालय में दो प्रवेश द्वार व एक परिसर के अंदर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया गया है। तीनों सिस्टम दुरुस्त हैं। देखरेख भी हो रही है, लेकिन पुराने सिस्टम की पिट में थोड़ा सा कूड़ा जरूर मिला।

छह साल पहले बना था सिस्टम

मंडलायुक्त कार्यालय, आगरा विकास प्राधिकरण कार्यालय, विकास भवन, कलक्ट्रेट, नगर निगम, आवास-विकास समेत दस स्थानों पर मंडलायुक्त के आदेश पर छह साल पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाए गए थे। 70-70 हजार की लागत से इनको लगवाया था। इनकी लंबाई तीन मीटर, चौड़ाई 2.4 मीटर और गहराई 2.4 मीटर है। 100 फिट की दो बोङ्क्षरग की गई हैं। इन पिटों में एक दिन में हजारों लीटर पानी एकत्र होकर बोङ्क्षरग के पाइप से नीचे जाता रहता है। पिट में कई स्थान पर फिल्टर लगाए गए हैं ताकि कूड़ा-कचरा अंदर न जाए। हालांकि, नाली पर ही कूड़ा जमा हो जाएगा, तो पानी आसानी से अंदर नहीं जा पाएगा और पानी अन्यत्र बह जाएगा।

हवा में एक हजार सिस्टम बनाने की योजना

मंडलायुक्त ने जब प्रयोग के तौर पर शहर के चुनिंदा भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाए थे, तभी यह योजना भी बनाई थी कि ये सिस्टम सफल हुए तो वह निकायों की अवस्थापना निधि से हार्वेस्टिंग सिस्टम की एक हजार यूनिट बनवाएंगे, लेकिन आगरा में बाद में कुछ नहीं हुआ। जिले के थानों में, सार्वजनिक शौचालयों, प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों सहित अन्य में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बेहतर कराने के आदेश दिए गए हैं। सप्ताह भर के भीतर काम पूरा हो जाएगा।

अरुण प्रकाश, नगरायुक्त

कलक्ट्रेट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में जो भी दिक्कत है। इसे जल्द दूर किया जाएगा। इसके आदेश जारी किए जा रहे हैं।

एनजी रवि कुमार, डीएम  

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